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अमित शाह का बिहार की चुनावी जमीन से बंगाल पर सियासी निशाना, बोले- SIR से दर्द घुसपैठियों को पाल-पोसकर…



केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एसआईआर और घुसपैठिए के मुद्दे को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा है. पटना में गृह मंत्री ने कहा कि गुजरात, राजस्थान, असम में घुसपैठ नहीं होती, क्योंकि वहां बीजेपी सरकार है और बंगाल-झारखंड में घुसपैठियों का स्वागत वोट बैंक के लिए होता है.

‘पूरे देश में होना चाहिए एसआईआर’

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “बंगाल से ममता दीदी की सरकार हटने और बीजेपी सरकार आने के बाद बंगाल घुसपैठिया मुक्त होगा. घुसपैठियों को पाल-पोसकर वोट बैंक बनाने वालों को स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) से दर्द होता है. पूरे देश में एसआईआर होना चाहिए और चुन-चुनकर घुसपैठियों को मतदाता सूची से डिलीट करना चाहिए.”

‘वोट चोरी बोलना भूल गए राहुल गांधी’

विपक्ष पर निशाना साधते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, “राहुल गांधी अब वोट चोरी बोलना भूल गए हैं. बिहार की जनता ने ही उन्हें भूला दिया है. शायद उन्हें अब ये सब नहीं बोलने की सलाह दी गई है. बिहार की सरकार को तय करने का फैसला क्या कोई घुसपैठिया कर सकता है. हमारे लोकतंत्र का मूल बात ही चुनाव है और चुनाव के अंदर मूल ईकाई वोटर लिस्ट और मतदाता है. जो देश का नागरिक नहीं है वो कैसे देश का मतदाता बन सकता है.”

घुसपैठ के मुद्दे पर गृह मंत्री का विपक्ष पर निशाना

उन्होंने कहा, “हमारे देश में मुख्यमंत्री कौन हो प्रधानमंत्री कौन हो ये विदेशी नागरिक तय करेगा क्या? चुनाव आयोग अगर एसआईआर करके वोटर लिस्ट से घुसपैठिए को निकालता है तो उनके पेट में दर्द क्यों हो रहा है. उन्होंने तकलीफ इसलिए है क्योंकि उन्होंने घुसपैठ होने देकर वोट बैंक क्रिएट किया है, जिसके आधार पर वो सत्ता पर काबिज रहे. हम चुनाव आयोग के इस फैसले का स्वागत करते हैं कि पूरे देश में एसआईआर होना चाहिए.”

‘बंगाल-झारखंड में घुसपैठियों को होता है स्वागत’

गृह मंत्री ने कहा, “बॉर्डर कोई सीधा-सीधा रोड की तरह नहीं है. वहां बड़ी-बड़ी नदियां, नाले, घने जंगल, ऊंची पहाड़ों की चोटियां हैं. ऐसे जगहों पर फैंसिंग संभव नहीं है. वहां पर 24 घंटे निगरानी भी संभव नहीं हो पाएगी. इन लोगों को लुटियन दिल्ली में बैठकर बात करना है कभी बॉर्डर पर जाकर देखें तो मालूम पड़ेगा. घुसपैठिया घुसकर सबसे पहले तो किसी गांव में ही जाएगा. उस गांव के पटवारी को पता नहीं चलेगा कि गांव में इतने लोग कैसे आ गए, लेकिन बंगाल और झारखंड में इन घुसपैठियों को स्वागत किया जाता है.”



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