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एक किलोग्राम से भी भारी था दुनिया का पहला मोबाइल, फुल चार्ज होने में लगते थे 10 घंटे, ये फैक्ट्स पढ़कर आ जाएगा मजा



आजकल मोबाइल कंपनियां अपने स्मार्टफोन को पतले और हल्के बनाने पर जोर दे रही हैं. हाल ही में ऐप्पल ने आईफोन एयर लॉन्च किया है, जो 6mm से भी पतला है. सैमसंग और टेक्नो जैसी कंपनियां भी ऐसे पतले फोन बना रही है, लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं था. जब मोबाइल फोन की शुरुआत हुई तो स्थिति कुछ और थी. दुनिया के पहले मोबाइल फोन का वजन एक किलोग्राम से ज्यादा था और इसकी लंबाई 25cm से ज्यादा थी. आइए दुनिया के पहले मोबाइल फोन से जुड़े दिलचस्प तथ्य जानते हैं.

कब आया पहला मोबाइल फोन?

मोबाइल फोन की शुरुआत 1973 में हुई थी, जब मोटोरोला में काम करने वाले सीनियर इंजीनियर मार्टिन कूपर ने पहली पब्लिक मोबाइल कॉल की. उन्होंने  Motorola DynaTAC 8000X से यह कॉल की थी और तभी से मोबाइल फोन की शुरुआत मानी जाती है. कूपर ने अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनी बेल लैब्स में यह कॉल कर बताया था कि मोबाइल फोन बनाने में मोटोरोला ने उसे पीछे छोड़ दिया है. इससे पहले भी फोन कॉल्स होती थीं, लेकिन वो केवल कार फोन या किसी जगह पर लगे फिक्स्ड कनेक्शन से की जाती थीं.

Motorola DynaTAC 8000X में था 1100 ग्राम वजन

आज भले ही मोबाइल फोन आसानी से जेब में आ जाते हैं, लेकिन Motorola DynaTAC 8000X के साथ ऐसा नहीं था. इसका वजह 1,100 ग्राम था और यह 25 सेंटीमीटर लंबा फोन था. इसे पूरी तरह चार्ज करने में 10 घंटे से भी ज्यादा समय लगता था और फुल चार्जिंग के बाद यह सिर्फ 30 मिनट तक चलता था. इस पर एक LED स्क्रीन लगी थी, जिसमें कुछ डिजिट नजर आते थे. मोबाइल कम्युनिकेशन में यह शुरुआत एक बड़ा पड़ाव साबित हुई और उसके बाद से लगातार टेक्नोलॉजी विकसित होती गई. धीरे-धीरे फ्लिप फोन आए और अब टचस्क्रीन स्मार्टफोन के बाद फोल्डेबल और ट्राईफोल्ड फोन आने लगे हैं.

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