करोड़ों रुपये का घोटाला बन गया ‘कश्मीर का IPL’, खिलाड़ियों और अधिकारियों ने की शिकायत, पुलिस कर रही जांच
कश्मीर में ग्लोबल क्रिकेट सितारों के साथ एक शानदार क्रिकेट इवेंट के तौर पर शुरू हुआ यह टूर्नामेंट अब अफरा-तफरी में खत्म हो गया है. होटलों और दूसरी सर्विस देने वालों के बिलों का पेमेंट नहीं हुआ है, खिलाड़ियों और अधिकारियों का करोड़ों रुपये का बकाया है और अब यह एक ‘घोटाला’ बन गया है, जिसकी पुलिस जांच चल रही है. धोखाधड़ी की सही रकम का अभी भी आकलन किया जा रहा है.
श्रीनगर में प्राइवेट तौर पर आयोजित हाई-प्रोफाइल इंडियन हेवन प्रीमियर लीग (IHPL) T20 धोखाधड़ी, बकाया पेमेंट न होने और इसके आयोजकों के अचानक गायब होने के आरोपों के बीच खत्म हो गई है. अब तक मिली जानकारी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पुलिस स्टेशन राजबाग में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 316(2) और 318(4) के तहत FIR नंबर 56/2025 दर्ज की है.
FIR के मुताबिक, कई खिलाड़ियों, सर्विस प्रोवाइडर्स और होटल मैनेजमेंट ने आयोजकों पर धोखाधड़ी और विश्वास तोड़ने का आरोप लगाया है, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. लेकिन दोनों मुख्य आयोजक परमिंदर सिंह और आशु धानी अभी लापता हैं.
जांच से जुड़े अधिकारी ने दिया बयान
जांच से जुड़े एक सीनियर अधिकारी ने कहा, ‘हमने दोनों फरार प्रमोटरों को ढूंढने और गिरफ्तार करने के लिए चंडीगढ़ और दिल्ली में दो पुलिस टीमें भेजी हैं, जबकि ज़्यादातर लोकल लोगों से पूछताछ की गई है. हालांकि, अभी तक कोई औपचारिक गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन इससे इनकार नहीं किया जा सकता है.’ वहीं, जम्मू और कश्मीर स्पोर्ट्स काउंसिल (JKSC) ने साफ किया है कि ग्राउंड अलॉटमेंट के अलावा उनका कोई रोल नहीं था और यह इवेंट पूरी तरह से प्राइवेट था, लेकिन अब इवेंट की परमिशन को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं.
इस मामले में एक स्पोर्ट्स पर्सन ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में कोई भी इवेंट, यहां तक कि स्पोर्ट्स इवेंट भी जिसमें पब्लिक इकट्ठा होती है, तब तक अलाउड नहीं होता जब तक कि उसके पास सभी जरूरी सिक्योरिटी और एडमिनिस्ट्रेटिव परमिशन न हों और स्पोर्ट्स काउंसिल ने परमिशन चेक करने के बाद ही इवेंट की इजाजत दी होगी.’ उन्होंने कहा, ‘या तो पुलिस ने परमिशन दी थी या स्पोर्ट्स काउंसिल ने बिना परमिशन के ही इवेंट की इजाजत दे दी.’
क्या है पूरा आईएचपीएल विवाद?
IHPL अक्टूबर, 2025 में कश्मीर की अपनी हाई-प्रोफाइल T20 लीग के तौर पर लॉन्च हुई थी, जिसमें इंटरनेशनल ग्लैमर को लोकल टैलेंट के साथ मिलाने का वादा किया गया था. इस लीग को मोहाली के एक ग्रुप, युवा सोसाइटी ने सपोर्ट किया था, जिसने दावा किया था कि उसे लोकल और इंटरनेशनल क्रिकेट स्टार्स-रिटायर्ड और खेलने वाले दोनों का सपोर्ट हासिल है.
टूर्नामेंट में आठ टीमें थीं, जिनके नाम पुलवामा टाइटंस, गुलमर्ग रॉयल्स और किश्तवाड़ जायंट्स जैसे इलाकों के नाम पर रखे गए थे. लीग से जुड़े ग्लोबल नामों में क्रिस गेल (वेस्ट इंडीज), मार्टिन गप्टिल (न्यूजीलैंड) और जेसी राइडर (न्यूजीलैंड) के साथ-साथ लोकल और नेशनल क्रिकेट के कई मशहूर नाम शामिल थे, जिन्हें लाइन-अप का हिस्सा घोषित किया गया था और यह कश्मीर क्रिकेट के लिए पहली बार था.
आयोजकों ने स्पॉन्सरशिप टाई-अप का दावा किया और बड़ी प्राइज मनी देने का वादा किया. मैच 25 अक्टूबर से 8 नवंबर, 2025 तक श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में होने थे, जिनमें से शुरुआत के सिर्फ 13 मैच हो पाए, आखिरी मैच रविवार को हुआ, जिसमें गेल ने ज़्यादातर खाली स्टैंड के सामने 88 रन बनाए थे.
शुरुआती मैचों में, खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ ने पेमेंट में देरी और बेसिक सुविधाओं की कमी की शिकायत करना शुरू कर दिया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, खिलाड़ियों से हर मैच के लिए 3 लाख रुपये तक के पेमेंट का वादा किया गया था, लेकिन आरोप है कि वे पेमेंट कभी नहीं मिले. टीम प्रबंधकों को भुगतान न करने के लिए तकनीकी स्पष्टीकरण मिलने लगे, जबकि आयोजकों ने बख्शी स्टेडियम में मशहूर हस्तियों के आगमन और मैचों को दिखाते हुए ऑनलाइन प्रचार वीडियो पोस्ट करना जारी रखा. उन्होंने मैच फीस, आवास और यात्रा सहायता का वादा किया था. लेकिन दो मैचों के बाद, सब कुछ बंद हो गया, कोई भुगतान नहीं, कोई स्पष्टता नहीं और किसी ने भी फोन नहीं उठाया. सप्ताहांत में स्थिति और बिगड़ गई जब 1 और 2 नवंबर को होने वाले मैच अचानक रद्द कर दिए गए और खिलाड़ियों को कथित तौर पर तकनीकी समस्याओं के कारण मैदान पर न आने के लिए कहा गया. एक स्थानीय क्रिकेटर ने कहा कि उनके मैनेजर ने तकनीकी समस्याओं का हवाला देते हुए स्टेडियम में रिपोर्ट न करने को कहा. उन्होंने कहा कि किसी को नहीं पता था कि क्या हो रहा है.
विवाद के बाद कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी छोड़ गए श्रीनगर
इसके बाद कई अंतरराष्ट्रीय और बाहरी खिलाड़ी श्रीनगर छोड़ गए, जबकि अन्य रेडिसन कलेक्शन होटल में फंसे रहे, यह तय नहीं कर पा रहे थे कि जाएं या रुकें. कुछ को तो अपने कमरे खाली करने के लिए भी कहा गया. लगभग 50 स्थानीय और विदेशी खिलाड़ी श्रीनगर के होटल रेडिसन कलेक्शन में ठहरे हुए थे; होटल प्रबंधन ने लगभग 51 लाख रुपये के बकाया भुगतान का दावा करते हुए उन्हें हिरासत में ले लिया. होटल के कर्मचारियों और परिवहन ठेकेदारों ने भी बकाया बिलों की शिकायत शुरू कर दी.
रेडिसन कलेक्शन होटल के मालिक ने क्या दिया बयान
रेडिसन कलेक्शन होटल के मालिक मुश्ताक छाया ने कहा, ‘लीग के प्रमोटरों ने हमसे 25 अक्टूबर से 9 नवंबर तक प्रतिदिन 140-150 कमरों के साथ 1800 कमरों की बुकिंग के लिए संपर्क किया था. कुछ अग्रिम भुगतान भी किया गया था और तीन दिन बाद भी, प्रमोटरों ने शुरू में चेकआउट से पहले सभी भुगतान करने का वादा किया था, लेकिन रविवार को वे सभी लोगों को फंसाकर गायब हो गए.’
हालांकि, छाया ने इस आरोप से इनकार किया कि होटल में किसी भी खिलाड़ी या अधिकारी को बंधक बनाया गया था. उन्होंने कहा, ‘इस मामले में हम धोखाधड़ी और जालसाजी के शिकार हैं और हमें उम्मीद है कि कानून अपना काम करेगा.’ और रिपोर्ट्स होटल मालिक के दावों का समर्थन भी करती हैं क्योंकि 2 नवंबर की सुबह यह सामने आया कि आयोजक रातोंरात श्रीनगर से भाग गए थे और इस हाई-प्रोफाइल टूर्नामेंट के लिए विभिन्न सेवा प्रदाताओं को लगभग 80-90 लाख रुपये का बकाया छोड़ गए थे.
होटल के कर्मचारी और अधिकारियों ने क्या कहा?
सूत्रों ने कहा, जहां होटल प्रबंधन को कमरों की बुकिंग, खानपान और लॉजिस्टिक्स के लिए बड़ी रकम बकाया थी, वहीं बस चालकों और इवेंट कर्मचारियों का भी दावा है कि उन्हें भुगतान नहीं किया गया है. श्रीनगर के एक होटल के कर्मचारियों ने मीडिया को बताया कि आयोजकों को किए गए कॉल का कोई जवाब नहीं मिला और बाकी इवेंट मैनेजर चुपचाप गायब हो गए.
एक खिलाड़ी ने कहा कि खानपान विक्रेताओं और ट्रांसपोर्टरों ने उनसे सीधे संपर्क किया और स्पष्टीकरण मांगा, लेकिन खिलाड़ी खुद जवाब देने की स्थिति में नहीं थे क्योंकि प्रबंधन की ओर से कोई भी सवालों का जवाब देने के लिए मौजूद नहीं था.
मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने क्या कहा?
जम्मू और कश्मीर पुलिस ने सोमवार (3 नवंबर) को पुष्टि की कि राजबाग पुलिस स्टेशन में संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि एक प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और स्थिति को बेहतर ढंग से समझने के लिए आयोजकों का पता लगाने और वित्तीय लेनदेन की पुष्टि करने के लिए एक विस्तृत जांच चल रही है.
मामला दर्ज होने के तुरंत बाद, राजनीतिक नेताओं ने जवाबदेही की मांग की. भाजपा की कश्मीर इकाई ने सरकार से जवाब मांगा और IHPL को कश्मीर को शर्मसार करने वाला एक धोखा करार दिया. ऐसा माना जा रहा है कि IHPL का पतन कश्मीर के बढ़ते खेल पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक झटका है, खासकर ऐसे समय में जब घाटी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों के लिए एक आशाजनक स्थल के रूप में उभर रही थी. गौरतलब है कि IHPL को BCCI या जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ (जेकेसीए) से मान्यता नहीं मिलने के कारण जवाबदेही पर सवाल उठ रहे हैं.
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