Supreme News24

कहीं बाढ़, कहीं लैंडस्लाइड तो कहीं बादल फटे… J-K, हिमाचल से लेकर अरुणाचल तक कुदरत ने बरपाया कहर


जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बादल फटने के बाद आई बाढ़ ने तबाही मचा रखी है. पानी का बहाव इतना तेज कि हर चीज तहस-नहस हो गई और चट्टान, पेड़ पत्थर ढलानों से नीचे गिर पड़े. जम्मू क्षेत्र में 11 लोगों की मौत हो गई जिनमें सात तीर्थयात्री भी शामिल हैं जिनकी मृत्यु वैष्णो देवी मार्ग पर भूस्खलन की चपेट में आने से हुई.

माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रा कैंसिल करने की अपील की

लगातार भारी बारिश ने न केवल जम्मू में तबाही मचाई, बल्कि अचानक बाढ़ और भूस्खलन के मद्देनजर वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थयात्रा स्थगित कर दी गई. माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने खराब मौसम की वजह से श्रद्धालुओं को यात्रा कैंसिल करने की सलाह दी है. भारी बारिश और भूस्खलन से पुल ढह गए, मोबाइल टावर और बिजली के खंभे टहनियों की तरह टूट गए. अधिकारियों ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश के बड़े हिस्से में दूरसंचार सेवाएं ठप हो गईं, जिससे लाखों लोगों का संचार संपर्क टूट गया और समस्याएं बढ़ गईं. जम्मू-श्रीनगर और किश्तवाड़-डोडा नेशनल हाईवे पर यातायात निलंबित कर दिया गया है.

जम्मू आने-जाने वाली कई ट्रेनें रद्द

जम्मू आने-जाने वाली कई ट्रेनें रद्द कर दी गईं. 26-27 अगस्त को चलने वाली 23 ट्रेनों को कैंसिल किया गया है. जम्मू, कटरा, पठानकोट, अमृतसर से दिल्ली या आगने जाने वाली गाड़ियां नहीं चल रही हैं. दिल्ली से ऊपर जम्मूकटरापठानकोट जाने वाली ट्रेनें भी फिलहाल नहीं पहुंच पा रही. उत्तर भारत में खासकर जम्मूकश्मीर, हिमाचल और पंजाब के हिस्से से लेकर दिल्ली और नीचे तक रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित है. रेलवे ने श्री माता वैष्णो देवी कटरा, पठानकोट, जम्मूतवी और अमृतसर से चलने वाली कई ट्रेनें पूरी तरह रद्द कर दी गई हैं. कुछ ट्रेनें शॉर्ट-टर्मिनेट/शॉर्ट-ओरिजिनेट हो रही हैं, यानी बीच से ही रोकी जा रही हैं या बीच से ही चल रही हैं.

7 तीर्थयात्री की मौत 21 घायल

रियासी जिले की त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले रास्ते पर मंगलवार (26 अगस्त 2025) दोपहर करीब तीन बजे भूस्खलन हुआ जिसकी चपेट में आने से कम से सात लोगों की मौत हो गई जबकि 21 अन्य घायल हुए हैं. मृतक संख्या और बढ़ सकती है. अधिकारियों ने बताया कि अर्धकुआरी स्थित इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए बचाव दल जुटे हुए हैं और कई लोगों के फंसे होने की आशंका है.

निचले इलाकों से लोगों को निकाला गया

जम्मू प्रांत में बारिश से संबंधित अन्य घटनाओं में, डोडा जिले में कम से कम चार लोगों के मारे जाने की सूचना है. इनमें से तीन लोग फिसलकर नदी में गिर गए और तेज बहाव वाले पानी में डूब गए, जबकि एक की घर ढहने से मौत हो गई. क्षेत्र के निचले इलाकों से सैकड़ों लोगों को निकाला गया. अधिकारियों ने बताया कि किश्तवाड़, रियासी, राजौरी, रामबन और पुंछ जिलों के ऊंचाई वाले इलाकों से सार्वजनिक और निजी बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचने की सूचना हैं.

खतरे के निशान से ऊपर बह रही सभी नदियां

कठुआ में रावी नदी पर बने मोधोपुर बैराज का जलस्तर एक लाख क्यूसेक के स्तर को पार कर गया, जिससे कठुआ जिले में भारी बाढ़ आ गई. तराना, उझ, तवी और चिनाब जैसी प्रमुख नदियां भी अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे पुलिस और नागरिक अधिकारियों को लोगों से सुरक्षित क्षेत्रों में जाने की बार-बार सार्वजनिक अपील करनी पड़ रही है. मौसम विभाग ने 27 अगस्त तक लगातार मध्यम से भारी बारिश और बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन की संभावना का अनुमान जताया. जम्मू संभाग के सभी सरकारी और निजी स्कूल को 27 अगस्त तक बंद रखने का निर्देश दिया गया है.

हिमाचल में कई हाईवे से संपर्क टूटा

हिमाचल प्रदेश में कई स्थानों पर भारी बारिश के कारण भूस्खलन और अचानक बाढ़ आने से कई इमारतें ढह गईं. कई हईवे से संपर्क टूट गया और आवासीय इलाके जलमग्न हो गए. अधिकारियों ने बताया कि सोमवार शाम से राज्य में 12 बार अचानक बाढ़ आने, दो बड़े भूस्खलन और एक बार बादल फटने की सूचना मिली है. उन्होंने बताया कि लाहौल और स्पीति जिले में नौ, कुल्लू में दो और कांगड़ा में एक अचानक बाढ़ आई, जबकि चंबा जिले में एक बादल फटने की सूचना मिली. इन घटनाओं में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. हालांकि, कांगड़ा जिले में एक व्यक्ति डूब गया, जबकि किन्नौर में ऊंचाई से गिरने से एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई.

मंडी, शिमला समेत की कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, मंगलवार सुबह तक राज्य में कुल 680 सड़कें बंद थीं. उसके अनुसार बंद सड़कों में से 343 मंडी जिले में और 132 कुल्लू में स्थित हैं.एसईओसी ने बताया कि इसके अलावा, लगभग 1,413 ट्रांसफार्मर और 420 जलापूर्ति योजनाएं भी बाधित हुई हैं. मौसम विभाग ने शुक्रवार को मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों के अलग-अलग इलाकों में तथा शनिवार को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों में भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.

चंडीगढ़-मनाली हाईवे टूटा

नदी में उफान के कारण पानी मनाली के अलू मैदान में घुस गया, जबकि चंडीगढ़ और मनाली को जोड़ने वाला नेशनल हाईवे कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया. उफनती ब्यास नदी के पानी में मनाली-लेह हाईवे का लगभग 200 मीटर हिस्सा बह गया, जिससे मार्ग बंद हो गया और पर्यटक फंस गए. कुल्लू शहर को जोड़ने वाली मनाली की दाहिने ओर की सड़क पर भी स्थिति गंभीर है. नेशनल हाईवे के दो बड़े हिस्से बह गए, जबकि मनाली से बुरुआ जाने वाली सड़क भी ओल्ड मनाली के पास बह गई.

हिमाचल प्रदेश के लोअर हिल्स (शिमला, मंडी, सोलन, बिलासपुर आदिलोअर हिल्स (शिमला, मंडी, सोलन, बिलासपुर आदि) में अगले 5 दिन लगातार बारिश की संभावना जताई गई है. वहीं हाई हिल्स (लाहौल-स्पीति, किन्नौर, चंबा) में 31 अगस्त तक भारी बारिश और बर्फबारी के आसार हैं.

दिल्ली में बाढ़ का खतरा

दिल्ली में भी यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए सेंट्रल फ्लड कंट्रोल रूम से चेतावनी जारी की गई है. दिल्ली में गुरुवार बुधवार (27 अगस्त 2025) को यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के पार जा सकता है,जिससे लेकर नदी के आसपास रहने वाले लोगों को जरूरत पड़ने पर सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने का निर्देश दिया गया है.

ओआरबी (OLD RAILWAY BRIDGE) का जलस्तर 205.36 मीटर तक पहुचने की संभावना है. सभी सेक्टर अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में सतर्क रहने और संवेदनशील स्थानों पर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. जैसे कि नदी के तटबंधों के भीतर रहने वाले लोगों को चेतावनी दी जाए और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की व्यवस्था की जाए.

उत्तराखंड में यमुना का जलस्तर बढ़ा

यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से उत्तरकाशी में घरों और होटलों की भूतल और पहली मंजिल पानी में डूब गई है. बड़कोट को यमुनोत्री से जोड़ने वाले पुल तक भी पानी पहुंच गया है. गढ़वाल और कुमाऊं में 27 अगस्त से 1 सितंबर के दौरान रोज भारी बारिश की संभावना जताई गई है. नीचले इलाकों में जलभराव और पहाड़ों पर लैंडस्लाइड का खतरा बना हुआ है.

अरुणाचल में भी भूस्खलन

अरुणाचल प्रदेश में भी मौसम की मार साफ तौर पर देखी जा रही है. तवांग जिले में भूस्खलन के कारण बड़ी चट्टानें सड़कों पर आ गिरी. इन चट्टानों की चपेट में कई गाड़ियां आ गई. दिरांग कैंप और न्युकदुंग के बीच बालीपारा-चारिद्वार-तवांग नेशनल हाईवे क्षतिग्रस्त हुआ.



Source link

Thank you so much for supporting us.

Discover more from Taza News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading