क्या यूक्रेन को टॉमहॉक मिसाइलें देगा अमेरिका? डोनाल्ड ट्रंप का चौंकाने वाला बयान आया सामने
अमेरिका द्वारा यूक्रेन को टॉमहॉक मिसाइल देने के सवाल पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्पष्ट कहा है कि फिलहाल ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है, पर भविष्य में स्थिति बदल सकती है. उन्होंने जोर देकर कहा कि अभी प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि यूक्रेन और रूस मिलकर इस विवाद का शांतिपूर्ण समाधान निकालें. ट्रंप ने कहा, “हम नहीं चाहते कि युद्ध और फैलें. दोनों देश पिछले तीन वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं.”
पत्रकारों के प्रश्नों पर ट्रंप ने दोहराया कि अब तक टॉमहॉक देने का कोई ठोस फ़ैसला नहीं हुआ है, लेकिन भविष्य में उनकी प्रतिक्रिया बदल सकती है. हाल में ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बुडापेस्ट में मिलने की चर्चा थी, जो बाद में स्थगित हो गई. इसके अलावा 17 अक्टूबर को यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भी ट्रंप से मुलाकात की और उस समय कीव ने संकेत दिया था कि अमेरिका लंबी दूरी की मिसाइलों पर विचार कर सकता है ताकि रूस से बातचीत करवाई जा सके. हालांकि जेलेंस्की उस समय अमेरिका से ठोस समर्थन लेकर वापस नहीं जा सके.
रूस ने दी ये चेतावनी
रूस ने भी चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका यूक्रेन को टॉमहॉक जैसी लंबी दूरी की मिसाइलें देता है तो अमेरिका-रूस संबंधों में और तनाव बढ़ सकता है. रूसी मीडिया और अधिकारियों ने कहा कि इससे अमेरिका को युद्ध में प्रत्यक्ष रूप से शामिल मानने जैसी धारणा बन सकती है, जो स्थिति को और जटिल बना देगी.
टॉमहॉक मिसाइलों का कहां होता है इस्तेमाल?
टॉमहॉक मिसाइलों के तकनीकी पक्ष पर ध्यान दें तो इन्हें दशक भर से सशस्त्र बलों द्वारा उपयोग में लाया जा रहा है. इन्हें आमतौर पर पनडुब्बियों या युद्धपोतों से दागा जाता है और इन्हें बुनियादी ढांचे या दूर के ठिकानों पर निशाना बनाने के लिए बनाया गया है. सरकारों और विश्लेषकों के बीच यह बहस जारी है कि ऐसे हथियारों की आपूर्ति से क्षेत्रीय सुरक्षा और भू-रणनीतिक संतुलन पर क्या असर पड़ेगा.
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