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‘खतरनाक कुत्ते जाएंगे शेल्टर होम, नसबंदी के बाद फिर वापसी’, आंध्र सरकार का बड़ा कदम


आंध्र प्रदेश के पशुपालन विभाग के निदेशक दामोदर नायडू ने शुक्रवार (05 सितंबर, 2025) को आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए जनता से सहयोग की अपील की है. उन्होंने बताया कि भारत के सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में आवारा कुत्तों के प्रबंधन और नियंत्रण के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिसके अंतर्गत राज्य में स्थानीय निकाय, जैसे नगरपालिका प्रशासन और प्रमुख ग्राम पंचायतें, पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) कार्यक्रम के अंतर्गत आवारा कुत्तों की नसबंदी पर विशेष ध्यान दे रही है.

दामोदर नायडू ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, ‘आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी सरकार और नागरिकों, दोनों की है. मानवता और पशुओं के प्रति करुणा के दृष्टिकोण से आवारा कुत्तों को विशिष्ट क्षेत्रों में रखने में कोई आपत्ति नहीं है. हालांकि, पशु प्रेमियों को सलाह दी गई है कि वे सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए केवल निर्धारित स्थानों पर ही कुत्तों को भोजन दें.’

कुत्तों को निश्चित समय और स्थान पर मिले भोजन

उन्होंने कहा कि नगरीय और ग्रामीण निकायों को ऐसे स्थानों की पहचान करने का निर्देश दिया गया है, ताकि कुत्तों को निश्चित समय और स्थान पर भोजन मिले. इससे भोजन के लिए होने वाली कुत्तों की आपसी लड़ाई और उससे उत्पन्न होने वाले हमलों को रोका जा सकता है, जो अक्सर राहगीरों के लिए खतरा बनते हैं.

उन्होंने बताया कि प्रत्येक कुत्ता अपने क्षेत्र की रक्षा करता है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट और सरकार ने स्थानीय निकायों को नसबंदी कार्यक्रम को जारी रखने और उपचार के बाद कुत्तों को उनके मूल क्षेत्र में वापस छोड़ने के निर्देश दिए हैं.

नसबंदी के बाद कुत्तों को किया जाएगा मुक्त

आंध्र प्रदेश में भारतीय पशु कल्याण बोर्ड की ओर से अनुमोदित चार एजेंसियां वर्तमान में नसबंदी अभियान चला रही हैं. इन एजेंसियों ने 34 नगर निकायों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं और सक्रिय रूप से नसबंदी कार्य कर रही हैं.

नायडू ने जनता से अपील करते हुए कहा, ‘नसबंदी की आवश्यकता वाले कुत्तों की पहचान कर नगरीय निकायों को सूचित करें. सूचना मिलने पर इन कुत्तों को पकड़कर एबीसी थिएटरों में नसबंदी के लिए ले जाया जाएगा. नसबंदी के बाद कुत्तों को 5-6 दिनों तक निगरानी में रखा जाएगा और ठीक होने पर उन्हें उसी स्थान पर वापस छोड़ दिया जाएगा.’

आक्रामक कुत्तों को आश्रय स्थल में रखेगी सरकार

उन्होंने यह भी कहा कि आवारा कुत्तों के खतरे को नियंत्रित करने में जनता, स्थानीय समुदायों और शहरी निकायों का सहयोग महत्वपूर्ण है. नागरिकों से अनुरोध है कि वे रेबीज या असामान्य व्यवहार वाले कुत्तों, आक्रामक कुत्तों, आदतन लोगों पर हमला करने या बाइक सवारों का पीछा करने वाले कुत्तों या पैदल चलने वालों को काटने वाले कुत्तों की तुरंत सूचना पर्यावरण विभाग, शहरी निकायों, स्थानीय राजस्व और पुलिस विभागों को दें. 

नायडू ने बताया कि ऐसे खतरनाक कुत्तों को आश्रय स्थलों पर ले जाया जाएगा. सरकार और संबंधित विभाग सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करेंगे. उन्होंने स्थानीय निवासियों से इस समस्या के समाधान में सक्रिय सहयोग की अपील की, ताकि आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित कर एक सुरक्षित और संतुलित पर्यावरण बनाया जा सके.

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