चिराग पासवान, प्रशांत किशोर या सम्राट चौधरी, बिहार में CM फेस की पसंद में कौन आगे? सर्वे में आया सामने
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राज्य की राजनीति एक बार फिर गर्म हो गई है. सी-वोटर के हालिया सर्वे ने यह साफ कर दिया है कि जनता के बीच सीएम फेस को लेकर राय लगातार बदल रही है. सर्वे के मुताबिक, इस बार सिर्फ नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ही नहीं, बल्कि चिराग पासवान, सम्राट चौधरी और प्रशांत किशोर जैसे चेहरे भी चर्चा में हैं.
यह सर्वे फरवरी से लेकर सितंबर तक के महीनों के बीच किया गया, जिसमें जनता से पूछा गया कि वे किसे बिहार का अगला मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं. परिणाम न सिर्फ चौंकाने वाले हैं बल्कि यह भी दिखाते हैं कि जनता अब पारंपरिक राजनीति से हटकर नए विकल्पों को भी गंभीरता से देख रही है.
प्रशांत किशोर बने लोगों की CM फेस की पसंद
फरवरी के सर्वे में चिराग पासवान को मात्र 4%, सम्राट चौधरी को 8%, और प्रशांत किशोर को 15% लोगों ने सीएम पद के लिए चुना था. लेकिन जून आते-आते तस्वीर थोड़ी बदली. चिराग पासवान की लोकप्रियता बढ़कर 10% तक पहुंच गई. इसी तरह सम्राट चौधरी को भी 10% वोट मिले और प्रशांत किशोर के समर्थन में 16% लोगों ने राय दी. यह आंकड़े बताते हैं कि जनता के बीच इन तीनों नेताओं की पहचान और स्वीकार्यता धीरे-धीरे बढ़ रही थी. खास बात यह रही कि प्रशांत किशोर, जो राजनीति में अपेक्षाकृत नए हैं, उन्हें जनता ने लगातार एक वैकल्पिक चेहरा माना.
अगस्त में बढ़ी पीके की लोकप्रियता
अगस्त में हुए सर्वे में एक बार फिर बदलाव देखने को मिला. चिराग पासवान को 9%, सम्राट चौधरी को 10%, और प्रशांत किशोर को 22% लोगों ने सीएम फेस के रूप में चुना. इससे यह साफ दिखा कि प्रशांत किशोर की लोकप्रियता लगातार ऊपर जा रही है, जबकि बाकी दोनों नेताओं की स्थिति लगभग स्थिर रही या थोड़ी-बहुत घटती-बढ़ती रही.राजनीतिक जानकारों का कहना है कि प्रशांत किशोर का बढ़ता जनसमर्थन इस बात का संकेत है कि बिहार की जनता अब नई राजनीति, नई सोच और युवा नेतृत्व को मौका देने के मूड में है.
सितंबर में प्रशांत किशोर आगे, बाकी पीछे
सितंबर के ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि प्रशांत किशोर एक बार फिर सर्वे में 23% वोट पाकर शीर्ष पर हैं. वहीं चिराग पासवान को 10% और सम्राट चौधरी को 7% वोट मिले. यह दर्शाता है कि जनता ने प्रशांत किशोर के काम और उनकी “जनसुराज यात्रा” को गंभीरता से लिया है. चिराग पासवान और सम्राट चौधरी की लोकप्रियता स्थिर नहीं रह सकी. राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि प्रशांत किशोर की लोकप्रियता में यह उछाल उनकी निरंतर जनसंपर्क और जमीनी सक्रियता का नतीजा है. दूसरी ओर, चिराग और सम्राट चौधरी को अब अपनी छवि और संगठन को मजबूत करने की जरूरत है, ताकि वे इस रेस में टिके रह सकें.
जनता का मूड और आने वाले चुनावों की दिशा
यह सर्वे यह भी दिखाता है कि बिहार की जनता अब पुराने गठबंधनों से हटकर नए विकल्पों की तलाश में है. नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव जैसे अनुभवी नेताओं के साथ-साथ नए चेहरों को भी जनता गंभीरता से देख रही है. यदि यह रुझान चुनाव तक जारी रहा तो बिहार की राजनीति में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है.

