छठ पर घर लौटना हुआ मुश्किल, आसमान छू रहा हवाई किराया, बिहार की बसों में टिकट के दाम तिगुने
दीवाली के बाद अब छठ महापर्व पर बिहार लौटने वाले यात्रियों के लिए बस और हवाई किराया टेंशन बढ़ा रहा है. पटना, गया और पूर्वी भारत जाने वाले रूट पर हवाई किराया सामान्य से दोगुना तक हो गया है, जिससे त्योहार पर घर लौटने वाले लाखों लोगों की परेशानी बढ़ी गई है. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने हाल ही में निर्देश दिया था कि हवाई टिकट किफायती रहे ताकि यह आम आदमी की पहुंच से बाहर न हो. इसके बावजूद किराया सामान्य से काफी ज्यादा वसूला जा रहा है.
अतिरिक्त विमान चलाने के बाद कम नहीं हुआ किराया
हर साल की तरह इस साल भी छठ पर्व को लेकर हजारों स्पेशल ट्रेन चलाने की बात तो कही गई, लेकिन दिल्ली सहित कई स्टेशनों पर लोगों की भीड़ बनी हुई है. मौजूदा समय में यात्रियों की भीड़ को देखते हुए इंडिगो, एअर इंडिया, एअर इंडिया एक्सप्रेस और स्पाइसजेट जैसी एयरलाइंस ने पटना के लिए अतिरिक्त विमान चलाने का फैसला तो किया, लेकिन फिर भी किराया आसमान छू रहा है.
ट्रेवल एजेंसियों की मानें तो दीवाली और छठ के दौरान घरेलू फ्लाइट की बुकिंग में 25-30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इस दौरान उत्तर भारत जाने वाली उड़ानों के किराए में सबसे ज्यादा उछाल देखा गया. दीवाली के बाद बाकी रूट के फ्लाइट के दाम को कुछ कम हुए, लेकिन छठ की वजह से बिहार जाने वाली फ्लाइट का किराया अभी भी ज्यादा ही है.
24 अक्टूबर को बिहार का हवाई किराया
दिल्ली से पटना जाने वाली फ्लाइट का न्यूनतम किराया 24 अक्टूबर को 11,957 रुपया है. दिल्ली से गया के फ्लाइट का न्यूनतम किराया 12,244 रुपया है. दिल्ली-दरभंगा फ्लाइट का न्यूनतम किराया 12,060 रुपया है. दिल्ली-वाराणसी फ्लाइट का न्यूनतम किराया 9,765 रुपया है. आम दिनों में दिल्ली से पटना का किराया 6 हजार रुपये के आसपास होता है.
बस में वसूल जा रहा तीन गुना किराया
रेलवे के स्पेशल ट्रेनों में भी टिकट नहीं मिलने के कारण यात्री आनंद विहार और कश्मीरी गेट से बस से यात्रा कर बिहार पहुंच रहे हैं. सभी बसों में भयंकर भीड़ है, जिसका फायदा उठाकर यात्रियों से दो-तीन गुना किराया वसूला जा रहा है. नॉर्मल दिनों में दिल्ली से पटना तक की एक सीट का किराया 800 से 1000 रुपये होता है. छठ के समय में एक सीट का किराया 2000 से 2500 रुपये तक वसूला जा रहा है.
स्लीपर बसों का किराया 4000 रुपये तक हो गया है. इतना ही प्राइवेट बस ऑपरेटर की तरफ से कोई बिला या टिकट भी नहीं दिया जाता. हालत तो ये है कि कई बसों पर लोग फर्श पर बैठकर बिहार तक की यात्रा करते हैं और दो गुना किराया देते हैं. छठ के नाम बस मालिक समेत एयरलाइंस को भी जिसे जहां मौका मिल रहा है यात्रियों को लूटने में लगा है.

