जब प्रकाश सिंह बादल के PSO ने बेटे सुखबीर को कार से उतार दिया, हो गया था बवाल, जानें पूरा किस्सा
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के बेटे सुखबीर सिंह बादल को उनके पीएसओ ने उनके साथ गाड़ी में बैठने नहीं दिया था. वहीं, इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री के पीएसओ की पंजाब के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से विवाद भी हो गया था. दरअसल, यह बात तब की है, जब अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल पंजाब के मुख्यमंत्री हुआ करते थे और उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल राज्य के उपमुख्यमंत्री हुआ करते थे.
इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के पीएसओ रह चुके लक्की बिष्ट ने पूरी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कैसे इस घटना के तुरंत उनका ट्रांसफर कर दिया गया था. उन्होंने एनएसजी सिक्योरिटी प्रोटोकॉल के बारे में बताते हुए कहा, ‘मैं अकाली दल के प्रकाश सिंह बादल का मैं उस समय पीएसओ हुआ करता था, पंचकूला में एक प्रोग्राम था, वो प्रकाश सिंह बादल उस वक्त सीएम थे. उन्हें पंचकूला में गुरुद्वारे में दर्शन करने जाना था. उस वक्त उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल डिप्टी सीएम थे, उनकी वाइफ भी वित्त मंत्री थीं. तो मैंने डिप्टी सीएम को भी तत्कालीन CM प्रकाश सिंह बादल की गाड़ी में नहीं बैठने दिया था.
गुरुद्वारे के अंदर गए थे पूर्व सीएम, हम बाहर कर रहे थे इंतजार- लक्की
उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री गुरुद्वारे के अंदर गए हुए थे, हमारी गाड़ियों का टारगेट लगा हुआ था, वहां पर जो सिक्योरिटी कॉन्वाय था, उसके चीफ उस वक्त पंजाब के आईजी थे, लेकिन हम तो उनके अंडर में नहीं थे. तो वो एकदम से हमारे पास आए मैं गाड़ी में बैठा हुआ था, हम बादल साहब का गाड़ी में इंतजार कर रहे थे क्योंकि आने में आधा-एक घंटा था तो हमारी गाड़ी लग चुकी थी. तो वो आईजी आए उनके साथ SSP, DIG वगैरह अधिकारी जो भी साथ में थे, वो आए. उन्होंने आते ही मुझे बोला कि यार बोला कि तुम्हारी गाड़ी में सुखबीर सिंह बादल भी बैठेंगे. तो मैंने कहा कि सर अलाउड नहीं है. तो वे बोले कि आपको पता है वो हमारे डिप्टी सीएम है यहां के और बादल साहब के बेटे भी हैं और इतनी देर में जो पीछे एसएसपी सर थे उन्होंने बोल दिया ये हमारे पंजाब पुलिस के आईजी और इंचार्ज यही है.’
उन्होंने कहा कि मैंने सोचा कि बहस करना ठीक नहीं है, तो मैंने अपना सिक्योरिटी वायलेशन निकाला गाड़ी का मैंने कहा कि जरा आप लिखकर दे दो और आप ही बैठ जाओ गाड़ी में. जब उन्होंने बोल दिया है कि यार पंजाब पुलिस के आईजी है और सिक्योरिटी इंचार्ज यही है, लेकिन क्या था कि तीन गाड़ियां तो हमारे पास एनएसजी कवर में हैं, बाकी 25-30 गाड़ियां जो थीं उसके पूरे ऑल ओवर इंचार्ज वो थे. हमारे पास तीन गाड़ियां थीं, जिसमें दो पर एनएसजी के कमांडो होंगे और एक में प्रोटेक्ट पर्सन होगा. तो मैंने कहा सर आप लिखकर दे दो और आप बैठ जाओ क्या बहस करेंगे सर. तो इतनी देर में गुस्से हो गए.’
उन्होंने कहा, ‘आईजी साहब गुस्सा में बोले कि एक काम करो बोला इनकी गाड़ी के पीछे बादल साहब की गाड़ी लगाओ. तो सुखबीर सिंह बादल की गाड़ी हमारी गाड़ी के पीछे लग गई. लेकिन इसके तुरंत बाद मेरा पोस्टिंग कर दी गई. यह सुबह का मामला था और शाम में मुझे असम फेंक दिया. उस वक्त वहां के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई थे.’
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