ट्रंप के H-1B वीजा फीस बढ़ाने से मची अफरा-तफरी के बीच अमेरिकी अधिकारी ने दी गुड न्यूज, बोले- ‘सिर्फ नए…’
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा H-1B वीजा की सालाना फीस 1 लाख डॉलर करने के ऐलान से भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स और कंपनियों में अफरातफरी मच गई थी. कई बड़ी टेक कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को तुरंत अमेरिका लौटने की सलाह तक दे दी थी. लेकिन अब एक अमेरिकी अधिकारी ने साफ किया है कि भारतीयों को घबराने की जरूरत नहीं है.
अमेरिकी अधिकारी ने शनिवार को कहा, ‘H-1B वीजा पर रह रहे भारतीयों को रविवार तक अमेरिका लौटने की कोई जरूरत नहीं है और न ही उन्हें दोबारा आने के लिए 1 लाख डॉलर चुकाने होंगे.’ अधिकारी ने स्पष्ट किया कि ट्रंप सरकार का यह नया नियम केवल नए वीजा आवेदन पर लागू होगा. जिन लोगों के पास पहले से H-1B वीजा है या जो अपने वीजा का रिन्यूवल करवा रहे हैं, उन पर यह नई फीस लागू नहीं होगी.
भारतीयों पर सबसे ज्यादा असर
अमेरिका के इस फैसले से सबसे ज्यादा असर भारतीय पेशेवरों पर पड़ सकता था, क्योंकि H-1B वीजा धारकों में 70% भारतीय हैं. यही वजह थी कि टेक कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को तुरंत अलर्ट किया था.
Senior US Administration official to ANI: Those who are visiting or leaving the country, or visiting India, they don’t need to rush back before Sunday or pay the $100,000 fee. $100,000 is only for new and not current existing holders. pic.twitter.com/dMRyefnvUu
— ANI (@ANI) September 20, 2025
कंपनियों में चिंता, अब थोड़ी राहत
माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन और जेपी मॉर्गन जैसी दिग्गज कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को अमेरिका लौटने की चेतावनी दी थी. लेकिन अब अमेरिकी अधिकारी की इस सफाई से भारतीय प्रोफेशनल्स और उनके परिवारों को बड़ी राहत मिली है.
कंपनियों ने जारी की है चेतावनी
वीजा फीस हाइक की खबरों के बाद माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन और जेपी मॉर्गन जैसी बड़ी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को सलाह दी थी. उन्होंने कहा कि जो लोग अमेरिका के बाहर हैं, वे तुरंत लौट आएं. वहीं, जो पहले से अमेरिका में हैं उन्हें अंतरराष्ट्रीय यात्रा से बचने की चेतावनी दी गई. फिलहाल H-1B वीजा फीस 2,000 से 5,000 डॉलर के बीच होती है. लेकिन नई नीति लागू होने पर यह फीस सालाना 1 लाख डॉलर हो जाएगी. इस फैसले का सबसे ज्यादा असर भारतीय आईटी पेशेवरों पर पड़ेगा, क्योंकि H-1B वीजा धारकों में 70% से ज्यादा भारतीय हैं.

