डीके शिवकुमार किस पर हुए नाराज? बोले- ‘दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास के बाहर गड्ढे, जाकर देखें…’
कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने मंगलवार (23 सितंबर, 2025) को मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास के सामने सहित कई जगहों पर सड़कों में गड्ढे हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार बेंगलुरु में गड्ढों को भरने के लिए दिन-रात काम कर रही है.
बेंगलुरु के विकास मंत्री डीके शिवकुमार ने मीडिया को बताया, “हम सभी गड्ढे भर रहे हैं. हम बारिश के बावजूद काम कर रहे हैं. हर निगम क्षेत्र में रोज़ाना 200 गड्ढे भरे जा रहे हैं. बेंगलुरु में एक ही दिन में लगभग 1,000 गड्ढे भरे जा रहे हैं.”
डीके शिवकुमार ने पत्रकारों को दी नसीहत
डीके शिवकुमार ने कहा कि मैं दिल्ली गया था तो मैंने वहां गड्ढे देखे. मैं आपसे अपील करता हूं कि आप दिल्ली में अपने पत्रकारों से कहें कि वे जाकर देखें कि प्रधानमंत्री आवास के सामने कितने गड्ढे हैं. मैं बड़ी आईटी कंपनियों से भी यही कहना चाहता हूं. ये समस्याएं हर जगह हैं. उन्होंने आगे कहा कि यह समस्या पूरे देश में है, हमारा कर्तव्य है और हम इसे निभा रहे हैं, लेकिन इसे सिर्फ कर्नाटक के बारे में दिखाना ठीक नहीं है.
बीजेपी पर साधा निशाना
कर्नाटक के डिप्टी सीएम ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बेंगलुरु में गड्ढों की समस्या भाजपा के शासनकाल में भी बनी रही. उन्होंने आगे कहा कि अगर भाजपा ने सड़कों का रखरखाव ठीक से किया होता तो यह स्थिति नहीं होती. उन्होंने ऐसा नहीं किया, लेकिन हम अपना काम करेंगे.
बता दें कि देश की आईटी राजधानी में गड्ढों की समस्या राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बनीं, जब भारतीय उद्योग जगत के प्रमुख लोगों ने बेंगलुरु की सड़कों और यातायात की समस्याओं पर चिंता जताई. ब्लैकबक के सीईओ और सह-संस्थापक राजेश याबाजी ने घोषणा की कि लॉजिस्टिक्स फर्म ने 9 साल बाद अब बेलंदूर से बाहर जाने का फैसला किया है.
ब्लैकबक के सीईओ ने क्या कहा
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि अब यहां बने रहना बहुत मुश्किल है. हमने यहां से जाने का फैसला किया है. इस बड़े फैसले के पीछे के कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि मेरे सहकर्मियों को एक तरफ की यात्रा में डेढ़ घंटे से ज़्यादा लगता है. सड़कें गड्ढों और धूल से भरी हैं और साथ ही उन्हें ठीक करवाने की कोई इच्छा नहीं है. अगले 5 सालों में इसमें कोई बदलाव नहीं दिख रहा है. हालांकि, ब्लैकबक के सीईओ ने बाद में उनकी फर्म के बेंगलुरु से जाने की खबरों को खारिज कर दिया.
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