तेलंगाना में भूमि पट्टा अधिकार के लिए धरना और रास्ता रोको में उलझा विवाद, पुलिस ने 40 किसानों पर दर्ज किया मामला
तेलंगाना के महबूबाबाद जिले के केसमुद्रम मंडल के नारायणपुर गांव के किसानों का दशकों पुराना भूमि पट्टा विवाद अब पुलिस कार्रवाई का शिकार हो गया है. जिलाधिकारी कार्यालय के सामने सड़क पर धरना दे रहे 40 किसानों के खिलाफ पुलिस ने बुधवार (24 सितंबर, 2025) को मामला दर्ज किया है. आरोप है कि उन्होंने सरकारी कामकाज में बाधा डाली और भारी ट्रैफिक जाम पैदा कर वाहन चालकों को परेशान किया. किसान नेता इसे पुलिस अनुमति के बावजूद अनुचित कार्रवाई बता रहे हैं, जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है.
नारायणपुर गांव के ये किसान अपनी पैतृक कृषि भूमि पर पट्टा (रैयतवार दस्तावेज) प्राप्त करने के लिए लंबे समय से संघर्षरत हैं. गांव की अधिकांश जमीनों पर दशकों से किसान खेती कर रहे हैं, लेकिन राजस्व रिकॉर्ड में नाम दर्ज न होने से सरकारी योजनाओं जैसे रैयतु बंधु का लाभ नहीं मिल पा रहा. साल 2018 में नरसिंहुलपेट मंडल के चीनमुप्परम राजस्व गांव से केसमुद्रम मंडल में विलय के बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है. किसानों ने कहा कि उन्होंने जिला कलेक्टरेट कार्यालय के बाहर शांतिपूर्ण धरना शुरू किया था, लेकिन इसे रास्ता रोको (रोड ब्लॉक) में बदल दिया.
मामले को लेकर पुलिस ने दी जानकारी
पुलिस के अनुसार, धरने के कारण जिलाधिकारी कार्यालय के कर्मचारियों के दैनिक कार्यों में बाधा उत्पन्न हुई. मुख्य सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, जिससे स्थानीय निवासी और यात्री घंटों तक फंसे रहे. महबूबाबाद जिला पुलिस ने आईपीसी की धारा 341 (गलत तरीके से रोकना), 188 (सार्वजनिक सेवक के आदेश की अवज्ञा) और 353 (सरकारी कार्य में बाधा) के तहत मामला दर्ज किया. SHO केसमुद्रम ने कहा, ‘किसानों को पूर्व अनुमति मिली थी, लेकिन धरना ट्रैफिक को प्रभावित करने लगा. हमने चेतावनी दी लेकिन वे फिर भी नहीं माने.’
किसान नेता ने मामले पर जताई आपत्ति
किसान नेता एम. वेंकन्ना ने आपत्ति जताते हुए कहा, ‘पुलिस की इजाजत से ही हमने रास्ता रोको अभियान चलाया था. पट्टा मांगना अपराध नहीं, यह सरकारी दमन है.’ उन्होंने चीफ सेक्रेटरी को दिए ज्ञापन का हवाला देते हुए कहा, ‘धरानी पोर्टल के जरिए दशक पुरानी समस्या हल हो सकती है, लेकिन अधिकारी अनदेखी कर रहे हैं. किसान संगठन ने जिला कलेक्टर डा. एस. विनय चंद्र से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है.’
किसान नेताओं ने जिला प्रशासन को दी चेतावनी
हाल ही में यूरिया की कमी पर केसमुद्रम-थोरुर मुख्य मार्ग पर किसानों ने रास्ता रोको किया था, जो अब पट्टा विवाद से जुड़ गया. जिला प्रशासन ने किसानों से वार्ता का आश्वासन दिया है, लेकिन स्थानीय स्तर पर तनाव बरकरार है. किसान नेता चेतावनी दे रहे हैं कि यदि पट्टे जारी न हुए तो आंदोलन तेज होगा.
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