दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन से जुड़ी 7.44 करोड़ की प्रॉपर्टी अटैच, आय से अधिक संपत्ति मामले में ED का बड़ा एक्शन
दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनकी कंपनियों से जुड़ी 7.44 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच कर ली है. यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग कानून (PMLA) के तहत की गई है.
ED की जांच CBI की उस एफआईआर के आधार पर शुरू हुई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि दिल्ली सरकार में मंत्री रहते हुए सत्येंद्र जैन ने फरवरी 2015 से मई 2017 के बीच अपनी आय से कहीं ज्यादा संपत्ति जुटाई. सीबीआई इस मामले में सत्येंद्र जैन और उनकी पत्नी पूनम जैन के साथ-साथ अन्य लोगों के खिलाफ साल 2018 में ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है.
ED की जांच में मनी लॉन्ड्रिंग का खुलासा
जांच में सामने आया कि नोटबंदी के तुरंत बाद नवंबर 2016 में जैन के करीबी अंकुश जैन और वैभव जैन ने 7.44 करोड़ रुपये बैंक में जमा कराए थे. उन्होंने यह पैसा कुछ कंपनियों के नाम पर दिखाया, जबकि असल में ये कंपनियां सत्येंद्र जैन के ही नियंत्रण में थीं. आयकर विभाग और अदालतों ने भी माना कि दोनों जैन परिवार के बेनामीदार हैं.
राउज एवेन्यू कोर्ट में केस की सुनवाई
ED पहले ही 4.81 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुकी थी. अब 7.44 करोड़ की संपत्ति अटैच होने के बाद कुल जब्त संपत्ति 12.25 करोड़ रुपये हो गई है. यह पूरी रकम उन संपत्तियों की है, जिन्हें जांच एजेंसियां सत्येंद्र जैन की अनुपात से ज्यादा आय मान रही हैं. ED जल्द ही इस मामले में पूरक चार्जशीट दाखिल करेगी. फिलहाल केस की सुनवाई दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में चल रही है.
CBI के एक मामले में सत्येंद्र जैन को मिल चुकी है राहत
सत्येंद्र जैन को लोक निर्माण विभाग में भर्ती को लेकर अनियमितताओं से जुड़े मामले में राहत मिल चुकी है. इस मामले में सीबीआई ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट भी दायर कर दी है. कोर्ट ने कहा था कि कई वर्षों की जांच के बावजूद किसी के भी खिलाफ पीओसी अधिनियम 1988 या किसी अन्य अपराध के तहत आरोपों का समर्थन करने वाला कोई भी साक्ष्य नहीं मिला है. कोर्ट ने कहा आपराधिक षडयंत्र का संकेत देने के लिए भी कोई सबूत नहीं है.
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