Supreme News24

‘नाम जुड़वाने से ज्यादा हटवाने के लिए आ रहे आवेदन’, बिहार SIR पर चुनाव आयोग का जवाब सुनकर चौंक गए सुप्रीम कोर्ट के जज


बिहार में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) पर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि नाम जुड़वाने से ज्यादा हटवाने के लिए आवेदन आ रहे हैं. उनका जवाब सुनकर सुप्रीम कोर्ट के जज चौंक गए और उन्होंने पूछा कि राजनीतिक दल नाम हटवाने का आवेदन क्यों दे रहे हैं.

सोमवार (1 सितंबर, 2025) को सुनवाई में एडवोकेट प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि ड्राफ्ट लिस्ट में छूटे लोगों के लिए आपत्ति दर्ज करवाने की समयसीमा बढ़ाई जाए और आधार को अपर्याप्त बताकर दावा खारिज न किया जाए. याचिकाकर्ताओं की इस मांग पर चुनाव आयोग की ओर से एडवोकेट राकेश द्विवेदी ने कहा कि समय-सीमा बढ़ाने से चुनावी प्रक्रिया में देरी होगी.

राकेश द्विवेदी ने कहा, ‘राजनीतिक दल नाम जुड़वाने से ज्यादा हटवाने के आवेदन दे रहे हैं. यह साबित करता है कि हमारी प्रक्रिया सही है.’ उन्होंन कोर्ट को बताया कि मृत्यु होने जैसी कई बातों को आधार बनाया जा रहा है. कई मामलों में वोटर खुद आकर बता रहे हैं कि उनका नाम कहीं और वोटर लिस्ट में है इसलिए, यहां से हटा दिया जाए. इस पर कोर्ट ने पूछा कि राजनीतिक दल नाम हटाने का आवेदन क्यों दे रहे हैं.

राकेश द्विवेदी ने कहा कि हम यह साफ करना चाहते हैं कि एक सितंबर के बाद भी लोगों को आपत्ति/दावा दाखिल करने से नहीं रोका जा रहा है, लेकिन इन दावों पर SIR फाइनल लिस्ट के प्रकाशन के बाद विचार होगा. उन्होंने कहा किबिहार चुनाव के लिए उम्मीदवारों की ओर से नामांकन दाखिल होने के दिन तक वोटर लिस्ट में लोगों के नाम जुड़ सकते हैं. ऐसा नहीं कि वह मतदान से वंचित हो गए हैं. जस्टिस सूर्य कांत ने इस पर कहा कि इसमें कोई दिक्कत नहीं है. वे आपत्ति दर्ज करना जारी रख सकते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस बात पर हैरान हैं कि राजनीतिक पार्टियों ने नाम जुड़वाने के सिर्फ 100-120 आवेदन ही दिए हैं. राकेश द्विवेदी ने कोर्ट को यह भी बताया कि वोटर खुद प्रक्रिया में हिस्सा ले रहे हैं, लेकिन एक एनजीओ का कहना है कि लोगों को बाढ़ से दिक्कत हो रही है. उन्होंने कहा, ‘यहां ऐसा NGO (ADR) खड़ा है जिसका बिहार से कोई संबंध नहीं और वह दावा कर रहा है कि बाढ़ की वजह से लोगों को दिक्कत हो रही है, लेकिन लोगों को कोई दिक्कत नहीं है. वह प्रक्रिया में आगे बढ़ कर भागीदारी कर रहे हैं.’

प्रशांत भूषण ने कहा कि लोगों के फॉर्म में क्या कमी है, इसके लिए उन्हें सूचित किया जाना चाहिए. इस पर एडवोकेट राकेश द्विवेदी ने कहा, ‘हम लोगों को नोटिस भेज कर जानकारी दे रहे हैं कि उनके दस्तावेज में क्या कमी है.’ आधार कार्ड को दस्तावेजों में शामिल किए जाने की याचिकाकर्ताओं की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार को जितना दर्जा कानून में दिया गया है, उससे ज्यादा नहीं बढ़ सकता है. इस पर प्रशांत भूषण ने कहा कि हम भी उतना ही दर्जा मांग रहे हैं.

(निपुण सहगल के इनपुट के साथ)



Source link

Thank you so much for supporting us.

Discover more from Taza News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading