‘न परमाणु हथियार की जरूरत और न बनाने का इरादा’, खामेनेई बोले- ‘हमारा मकसद…’
ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने जानकारी दी कि देश ने उरेनियम संवर्धन (Uranium Enrichment) में उन्नत स्तर हासिल कर लिया है. खामेनी ने कहा कि जबकि कुछ देश परमाणु हथियार बनाने के उद्देश्य से उरेनियम का संवर्धन 90% तक करते हैं, ईरान ने इसे केवल 60% तक सीमित रखा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि ईरान को परमाणु हथियार की जरूरत नहीं है और उनका इरादा कभी भी ऐसे हथियार बनाने का नहीं है. खामेनी के इस बयान से यह संदेश गया कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए ही आगे बढ़ा रहा है.
अमेरिका से बातचीत को लेकर क्या बोले खामेनेई
आयतुल्ला अली खामेनेई ने मंगलवार को अमेरिका के साथ किसी भी तरह की बातचीत को देश के लिए ‘बेकार और हानिकारक’ करार दिया. उन्होंने कहा कि वर्तमान हालात में अमेरिका से वार्ता ईरान के हितों के खिलाफ होगी और यह ‘डेड-एंड’ साबित होगी. खामेनेई ने स्पष्ट किया कि ईरान को परमाणु हथियारों की जरूरत नहीं है और उनका उत्पादन करने का कोई इरादा भी नहीं है.
अपने रिकॉर्डेड संदेश में उन्होंने कहा कि ईरान किसी भी बाहरी दबाव के आगे झुकेगा नहीं, विशेषकर यूरेनियम संवर्धन के मामले में. खामेनेई ने बताया कि अमेरिका चाहता है कि ईरान अपने मिसाइल कार्यक्रम, जिसमें मध्यम दूरी की मिसाइलें शामिल हैं, उसे छोड़ दे. उन्होंने कहा, “दबाव में आकर समझौता करना आत्मसमर्पण जैसा होगा, और कोई भी सम्मानजनक राष्ट्र इसे स्वीकार नहीं करेगा.”
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कही ये बड़ी बात
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने बताया कि ईरान ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी समेत सभी संबंधित देशों के साथ बातचीत जारी रखेगा. न्यूयॉर्क में हुई बैठक के बाद जारी बयान में उन्होंने कहा कि ईरान संयुक्त राष्ट्र के पुराने प्रतिबंधों को दोबारा लागू होने से रोकने के लिए बातचीत की प्रक्रिया जारी रखना चाहता है. हालांकि, खामेनेई के बयान से यह स्पष्ट हुआ कि अमेरिका के साथ सीधी वार्ता की संभावना अब बहुत कम है. उन्होंने कहा, “अमेरिका धमकियों और दबाव की भाषा बोलता है. ऐसी स्थिति में बातचीत करना आत्मसमर्पण है और ईरानी राष्ट्र कभी इसे स्वीकार नहीं करेगा.”
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