पुरुषों से ज्यादा महिलाएं हैं हार्ट से जुड़ी बीमारियों की शिकार, रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा
आज के समय में हार्ट डिजीज दुनिया भर में महिलाओं की मौत का सबसे बड़ा कारण बन चुका है. यह चौंकाने वाली बात है कि जहां पहले यह माना जाता था कि पुरुषों को हार्ट अटैक या दिल की बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है, वहीं अब आंकड़े बता रहे हैं कि महिलाएं भी इससे उतनी ही, बल्कि कुछ मामलों में ज्यादा प्रभावित हैं. महिलाएं अक्सर अपने लक्षणों को नजरअंदाज कर देती हैं या फिर उन्हें किसी और बीमारी से जोड़ देती हैं, जिसकी वजह से इलाज में देरी होती है और जोखिम बढ़ जाता है, तो चलिए जानते हैं कि पुरुषों से ज्यादा हार्ट से जुड़ी बीमारियों की शिकार महिलाएं क्यों हैं.
क्यों महिलाओं में बढ़ रहा है हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा?
लंबे समय तक यह माना गया कि महिलाएं हार्ट डिजीज से सुरक्षित हैं, लेकिन हाल के शोध बताते हैं कि यह एक गलतफहमी थी. असल में महिलाएं भी कई तरह के जोखिम कारकों से घिरी होती हैं. जैसे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, और खराब लाइफस्टाइल इनका असर पुरुषों और महिलाओं पर अलग-अलग होता है.
1. डायबिटीज – डायबिटीज पीड़ित महिलाओं में हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और अचानक हार्ट फेल होने का खतरा पुरुषों से कहीं ज्यादा होता है. ऐसी महिलाओं में हार्ट अटैक के बाद मौत की संभावना भी ज्यादा पाई जाती है. इसलिए डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के लिए नियमित जांच, बैलेंस डाइट और डॉक्टर की सलाह अनुसार दवाओं का सेवन बेहद जरूरी है.
2. हाई ब्लड प्रेशर – 60 साल की उम्र के बाद महिलाओं में ब्लड प्रेशर की समस्या ज्यादा देखी जाती है और इसे कंट्रोल करना भी मुश्किल होता है. ऐसे में नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच करें, नमक का सेवन सीमित करें, एक्सरसाइज करें और तनाव को कम करें.
4. कोलेस्ट्रॉल – महिलाओं में हाई कोलेस्ट्रॉल का असर दिल की बीमारियों पर पुरुषों की तुलना में ज्यादा गंभीर होता है. इसलिए डॉक्टर की दी गई स्टैटिन दवाएं नियमित रूप से लें और तेल, तले हुए और मीठा खाने से परहेज करें.
5. मोटापा – महिलाओं में मोटापा हार्ट डिजीज का एक बड़ा कारण है. वजन बढ़ने से ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और शुगर तीनों बढ़ जाते हैं. इसलिए रोजाना 60 से 90 मिनट पैदल चलना, योग या अन्य एक्सरसाइज करें और हेल्दी डाइट लें.
6. फिजिकल इन एक्टिविटी – महिलाओं के व्यस्त जीवन में खुद के लिए समय निकालना मुश्किल होता है, लेकिन यही सबसे बड़ी गलती है. इनएक्टिव रहने से दिल की मांसपेशियां कमजोर होती हैं और बल्ड फ्लो धीमा पड़ जाता है. इसलिए हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट नॉर्मल एक्सरसाइज या 75 मिनट तेज एक्सरसाइज जरूर करें.
7. धूम्रपान – धूम्रपान करने वाली महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा पुरुषों से कहीं ज्यादा होता है, खासकर मेनोपॉज के बाद, इसलिए धूम्रपान छोड़ें और पासिव स्मोकिंग से भी बचें.
महिलाओं में खास जोखिम
1. मेनोपॉज – मेनोपॉज से पहले महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन होता है, जो दिल को सुरक्षा देता है. लेकिन मेनोपॉज के बाद जब यह हार्मोन कम हो जाता है, तो हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) हर महिला के लिए जरूरी नहीं है. बेहतर होगा कि महिलाएं नेचुरल तरीके अपनाएं. जैसे मेडिटेशन, एक्सरसाइज और बैलेंस डाइट.
2. प्रेगेनेंसी कंपलिकेशन्स – जिन महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर समय से पहले प्रसव या डायबिटीज की समस्या हुई हो, उनमें आगे चलकर हार्ट डिजीज का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. ऐसी महिलाओं को अपनी मेडिकल हिस्ट्री डॉक्टर को जरूर बतानी चाहिए और नियमित जांच करवानी चाहिए.
दिल को हेल्दी रखने के आसान उपाय
1. धूम्रपान छोड़ें – यह दिल के लिए सबसे बड़ा खतरा है.
2. एक्टिव रहें – हर दिन कम से कम 30 मिनट तेज चलें.
3. बैलेंस डाइट लें – फल, सब्जियां, साबुत अनाज और मछली का सेवन करें.
4. वजन कंट्रोल रखें – BMI 25 से कम और कमर 35 इंच से कम रखें.
5. तनाव कम करें – मेडिटेशन और पूरी नींद लें.
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