Supreme News24

प्लेन के लैंडिंग गियर में छिपकर दिल्ली पहुंचा 13 साल का लड़का अब कहां है? सुरक्षा एजेसियां मान रहीं बड़ी चूक



काबुल से दिल्ली तक 13 साल के अफगानी लड़के के एयरपोर्ट सुरक्षा को तोड़कर प्लेन में पहुंचने पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. लड़के को लेकर नई जानकारी सामने आई है. सूत्रों के मुताबिक अब यह सामने आया है कि लड़के के पिता एक बम धमाके में मारे गए थे. घर में सौतेले पिता और सौतेले भाइयों के साथ उसका रिश्ता बेहद खराब था. 

परिजनों से रिश्ता खराब होने के कारण कुछ समय पहले वो ईरान चला गया था, लेकिन जब ईरान ने शरणार्थियों को वापस भेजना शुरू किया तो यह लड़का भी ईरान से अफगानिस्तान डिपोर्ट कर दिया गया. वापस भेजे जाने के बाद भी वह फिर से ईरान लौटना चाहता था.

सुरक्षा एजेसियां मान रहीं बड़ी चूक

ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिरकार वह इतनी सख़्त सुरक्षा के बावजूद एयरपोर्ट के अंदर और फिर विमान तक कैसे पहुंच गया? जांच में सामने आया है कि लड़के ने नमाज और लंच टाइम के दौरान सुरक्षा की ढिलाई का फ़ायदा उठाया. रात के वक्त वह काबुल एयरपोर्ट में दाख़िल हुआ और धीरे-धीरे एक विमान तक पहुंच गया. वहां उसने खुद को छुपाया और विमान में सवार होकर सीधे भारत आ पहुंचा.

एयरपोर्ट पर मौजूद अधिकारियों के लिए यह हैरानी की बात थी कि कैमरों में कहीं भी उसका अता-पता नहीं मिल रहा था. बाद में जब लड़के ने खुद बताया कि वह किस रास्ते से अंदर घुसा था, तब जाकर कैमरा फुटेज में उसकी मौजूदगी दर्ज मिली. यह बच्चा अब भी एजेंसियों की जांच के दायरे में है. सुरक्षा विशेषज्ञ मान रहे हैं कि इतनी बड़ी चूक भविष्य के लिए गंभीर खतरे की ओर इशारा करती है.

उसी दिन वापस भेजा गया

दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद लड़के को उसी वक्त हिरासत में लेकर सीआईएसएफ ने सुरक्षा एजेंसियों को सौंप दिया था. उसके बाद अफगानी लड़के को उसी दिन शाम करीब 4 बजे दूसरी उड़ान से काबुल वापस भेज दिया गया. सीआईएसएफ के अधिकारी ने बताया कि लड़के ने कहा कि वह बिना पकड़े गए हवाई अड्डे और लैंडिंग गियर के अंदर घुसने में कामयाब रहा.

ये भी पढ़ें

‘अश्लील मैसेज, जबरन छूने की कोशिश…’ स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती छात्राओं को परेशान करने के लिए अपनाता था ये हथकंडे



Source link

Thank you so much for supporting us.

Discover more from Taza News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading