फिलहाल बची चयनित अभ्यर्थियों की नौकरी, सुप्रीम कोर्ट ने HC की सिंगल बेंच के फैसले से पहले की स्थिति बहाल की
राजस्थान में सब इंस्पेक्टर भर्ती में हुई गड़बड़ी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट की सिंगल जज के आदेश से पहले की यथास्थिति बनाए रखने को कहा है. यानी फिलहाल 2021 में सब-इंस्पेक्टर बने लोगों की नौकरी सुरक्षित है. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच से कहा है कि वह 3 महीने में मामले का निपटारा करने का प्रयास करे.
लगे थे क्या आरोप?
मामला राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की तरफ से 2021 में आयोजित सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा से जुड़ा है. 859 पदों की भर्ती से जुड़ी इस प्रक्रिया में गड़बड़ी, पेपर लीक और RPSC सदस्यों की मिलीभगत के आरोप लगे. जांच के दौरान यह सामने आया कि कई प्रत्याशियों को प्रश्न पत्र पहले ही मिल गया था. RPSC सदस्यों ने अपने रिश्तेदारों और करीबियों को भी गलत तरीके से नौकरी दिलवाई.
स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने 55 ट्रेनी सब-इंस्पेक्टरों और RPSC के 2 पूर्व सदस्यों – बाबूलाल कटारा और रामू राम रायका सहित 122 लोगों को गिरफ्तार किया. 2023 के विधानसभा चुनावों में सब-इंस्पेक्टर भर्ती में हुई गड़बड़ी एक बड़ा मुद्दा बना. मामला राजस्थान हाई कोर्ट गया.
लगभग 10 महीने चली थी सुनवाई
राजस्थान हाई कोर्ट की सिंगल बेंच में कैलाश चंद शर्मा समेत कई असफल अभ्यर्थियों की याचिका पर सुनवाई लगभग 10 महीना चली. 28 अगस्त को दिए आदेश में सिंगल बेंच के पूरी प्रक्रिया को संदिग्ध बताया. कोर्ट ने सभी 859 भर्तियों को रद्द कर राज्य सरकार से कहा कि वह नए सिरे से परीक्षा का आयोजन करे.
आदेश के खिलाफ कोर्ट का रुख
इस आदेश के खिलाफ अमर सिंह समेत लगभग 170 चयनित प्रत्याशी हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच पहुंचे. उन्होंने दलील दी कि लगभग 55 लोग ही दागी हैं. कुछ लोगों की गलती की सज़ा सबको नहीं दी जानी चाहिए. 8 सितंबर को हाई कोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच के इस आदेश पर रोक लगा दी.
सुप्रीम कोर्ट में मामला जस्टिस संजय करोल और मनमोहन की बेंच में लगा. जजों ने दोनों पक्षों को थोड़ी देर सुनने के बाद कहा कि वह दोपहर 2 बजे राजस्थान सरकार के वकील की मौजूदगी में आदेश देंगे. 2 बजे सभी वकीलों की मौजूदगी में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह हाई कोर्ट के सिंगल बेंच के आदेश से पहले की स्थिति बहाल करने का आदेश दे रहा है. डिवीजन बेंच मामले को तेजी से सुन कर निपटाए. अपनी ट्रेनिंग आगे बढ़ाने की मांग कर रहे एक चयनित प्रत्याशी के वकील से जजों ने कहा कि अभी यथास्थिति रहने दी जाए. कम से कम फिलहाल किसी को नौकरी से बाहर नहीं किया जा रहा है.