बिहार चुनाव: क्या 2020 के स्ट्राइक रेट की वजह से कम हो रही कांग्रेस की सीटें? समझें गणित
बिहार के पटना में कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई सीडब्ल्यूसी की बुधवार (24 सितंबर) को बैठक हुई. इस बीच विपक्षी दलों के महागठबंधन (इंडिया गठबंधन) का सीट शेयरिंग फॉर्मूला सामने आया है. विधानसभा की 243 सीटों में लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) 141 सीटों पर लड़ सकती है. कांग्रेस को 58 सीटें मिल सकती है. वहीं लेफ्ट में CPIML, CPI और CPM को 35 सीटें संभव. महागठबंधन में शामिल मुकेश सहनी की VIP 15 सीटों पर लड़ सकती है.
इस फॉर्मूले में थोड़ा प्लस-माइनस संभव है. अगर पशुपति पारस की RLJP, हेमंत सोरेन की JMM महागठबंधन में आती है तो 2-2 सीटें उन्हें भी दी जा सकती हैं.
सूत्रों का कहना है कि फिलहाल इसी फॉर्मूले पर विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन के दलों के बीच बातचीत हो रही है और जैसे ही सभी दल सहमत होंगे, इसका औपचारिक ऐलान कर दिया जाएगा.
खराब रहा था कांग्रेस का स्ट्राइक रेट
कांग्रेस 2020 के चुनाव में 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ी थी, लेकिन उसका स्ट्राइक रेट काफी खराब रहा था. यही वजह है कि पिछली बार से इस बार उसे कम सीटें मिल रही है.
आरजेडी 2020 में 144 सीटों पर लड़ी थी और 75 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. आरजेडी का स्ट्राइक रेट 52 फीसदी था. कांग्रेस को 70 सीटों में से केवल 19 सीटें मिली थी. पार्टी का स्ट्राइक रेट 27 प्रतिशत रहा.
लेफ्ट की बढ़ेगी सीटें
भाकपा (माले) 19, भाकपा 6 और माकपा 4 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. भाकपा (माले) का स्ट्राइक रेट सबसे अच्छा रहा था. उसे 19 में 12 सीटों पर जीत मिली. भाकपा और माकपा को दो-दो सीटें मिली. यानि लेफ्ट का स्ट्राइक रेट 55 प्रतिशत था.
अब इस साल के आखिरी में होने वाले विधानसभा चुनाव में आरजेडी चार कम सीटों पर लड़ने के लिए तैयार है. वहीं कांग्रेस 65 सीटें तक मांग रही है. हालांकि उसे करीब 58 सीटें अंतत: मिल सकती है. यानि पिछली बार के मुकाबले उसे 17 फीसदी कम सीटें मिलेगी. सिर्फ लेफ्ट का आंकड़ा पिछली बार के मुकाबले बढ़ रहा है. उसे 35 सीटें मिल सकती है.
लोकसभा चुनाव में आरजेडी को झटका
हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव में आरजेडी का हाल बुरा रहा. आरजेडी 23 सीटों पर लड़ी और मात्र चार सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी. वहीं कांग्रेस 9 में तीन सीटों पर जीती. लेफ्ट ने 5 सीटों पर उम्मीदवार उतारे और दो सीटों पर जीत मिली. यही वजह है कि अब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस आरजेडी के सामने और अधिक सीटों पर दावेदारी कर रही है.
मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) 2020 के चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन में थी और 11 सीटों पर लड़ी थी. इस बार उनकी पार्टी महागठबंधन के साथ है और 15 सीटें मिल सकती है. यही बड़ी वजह है कि आरजेडी और कांग्रेस को अलायंस में सीटों का नुकसान हो रहा है.