बिहार में महागठबंधन के CM फेस के सवाल पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा का बड़ा बयान, कहा- ‘जब आसमान में सूरज चमक रहा हो तो…’,
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने बुधवार (24 सितंबर, 2025) को संकेत दिया कि बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव को इंडिया गठबंधन के मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है, हालांकि उन्होंने इसका औपचारिक ऐलान करने से परहेज किया.
कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक के इतर पार्टी के प्रचार और मीडिया विभाग के प्रमुख खेड़ा ने पत्रकारों से बातचीत की. जब उनसे महागठबंधन की ओर से यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने में कांग्रेस की झिझक को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘हम मुद्दों पर चुनाव लड़ रहे हैं. चेहरे आपके सामने हैं. सबको सब पता है. आप एक ऐसा सवाल पूछ रहे हैं जिसका जवाब पहले से ही सभी जानते हैं.’
जब आसमान में सूरज चमक रहा हो तो… पवन खेड़ा
साल 2020 में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के कांग्रेस के फैसले का हवाला देते हुए जब उनसे पूछा गया कि इस बार ऐसा क्यों नहीं किया गया तो उन्होंने काव्यात्मक अंदाज में कहा, ‘जब आसमान में सूरज चमक रहा हो, तो उसकी घोषणा की आवश्यकता नहीं होती.’
खेड़ा ने चिराग के दावे को किया खारिज
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के इस दावे को भी खेड़ा ने खारिज कर दिया कि पटना में CWC की बैठक का आयोजन कांग्रेस की अपने सहयोगियों पर दवाब बनाने की कवायद है. उन्होंने कहा, ‘भाइयों के बीच ताकत दिखाने जैसी कोई बात नहीं होती.’ सीट बंटवारे के सवाल पर खेड़ा ने कहा, ‘जल्द ही सारी जानकारी साझा की जाएगी.’
बिहार में CWC की बैठक होने पर बोले पवन खेड़ा
बिहार में इंडिया गठबंधन में राजद के अलावा भाकपा (माले) लिबरेशन, भाकपा (माले), भाकपा और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी शामिल हैं. पत्रकारों ने जब यह पूछा कि आजादी के बाद यह पहला मौका है जब बिहार में CWC की बैठक हो रही है, तो कांग्रेस नेता ने पलटवार किया, ‘पहली बार वोट चोरी भी हुई है.’
खेड़ा ने आरोप लगाया, ‘भारतीय जनता पार्टी (BJP) सत्ता में बने रहने के प्रति सिर्फ इसलिए आश्वस्त रहती है क्योंकि वह वोट चोरी करती है. सत्ता पक्ष का यह अहंकार बेरोजगारी जैसी गंभीर समस्याओं के प्रति लापरवाही का कारण बन गया है.’ उन्होंने जोर देते हुए कहा, ‘सीडब्ल्यूसी की यह बैठक बिहार के चुनावों की दृष्टि से नहीं बल्कि हमारे लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने के लिए है.’
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