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भयंकर भूकंप से डोली धरती, घरों से बाहर दौड़े लोग; रिक्टर स्केल पर 5.7 थी तीव्रता


इंडोनेशिया के सुलावेसी में रविवार (17 अगस्त 2025) को 5.7 तीव्रता का भूकंप आया है. जर्मन भूविज्ञान अनुसंधान केंद्र (GFZ) के मुताबिक भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर (6.21 मील) की गहराई पर था. अभी तक, अधिकारियों ने किसी के हताहत होने या किसी नुकसान की सूचना नहीं दी है. स्थिति पर नजर रखी जा रही है. इस सप्ताह दर्ज की गई यह दूसरी घटना है 12 अगस्त को, पश्चिमी पापुआ प्रांत में 6.3 तीव्रता का भूकंप आया था.

अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने बताया कि भूकंप स्थानीय समयानुसार शाम लगभग 5:24 बजे (08:24 GMT) आया, जिसका केंद्र पापुआ के अबेपुरा शहर से लगभग 193 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित था. इससे पहले 7 अगस्त को भी 4.9 तीव्रता का भूकंप 106 किमी गहराई में आया था. लगातार झटकों ने यह साफ कर दिया है कि इंडोनेशिया अब भी अत्यधिक भूकंपीय खतरे का सामना कर रहा है.

इंडोनेशिया टेक्टोनिक प्लेट्स का जटिल जंक्शन
इंडोनेशिया दुनिया के सबसे सक्रिय भूकंपीय और ज्वालामुखीय क्षेत्रों में से एक है. इसकी वजह है यहां की टेक्टोनिक संरचना. यह क्षेत्र कई बड़ी प्लेटों के जंक्शन पॉइंट पर स्थित है. इसमें महाद्वीपीय प्लेट्स जैसे साहुल शेल्फ और सुंडा प्लेट मौजूद है. इसके अलावा  पश्चिमी इंडोनेशिया के नीचे भारतीय प्लेट धंस रही है, जिससे ज्वालामुखी चाप का निर्माण हुआ है.इसी टेक्टोनिक दबाव के कारण सुमात्रा, जावा, बाली और अन्य द्वीप समूह बने, जो आज भी सक्रिय ज्वालामुखियों और बार-बार आने वाले भूकंपों का गवाह हैं.

क्यों इंडोनेशिया में बार-बार आते हैं भूकंप?
इंडोनेशिया की जटिल भूगर्भीय स्थिति इसे भूकंपीय हॉटस्पॉट बनाती है. सुमात्रा और जावा क्षेत्र में बड़े पैमाने के भूकंप लगभग हर 100 साल में आते हैं, जबकि पश्चिमी जावा में यह चक्र लगभग 500 वर्षों का हो सकता है. पूर्वी इंडोनेशिया में टेक्टोनिक प्लेट्स काफी तेजी से मूव करते हैं,  जिससे छोटे और मध्यम भूकंप अक्सर आते रहते हैं. लगातार प्लेटों की मूवमेंट और टक्कराने के कारण विस्फोटक ज्वालामुखी भी सक्रिय रहते हैं. इसी कारण इंडोनेशिया को रिंग ऑफ फायर का अहम हिस्सा माना जाता है.

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