Supreme News24

भारत पर ट्रंप के टैरिफ ऐलान को लेकर भड़का ये अमेरिकी दिग्गज नेता, बोला- ‘भारी कीमत चुकानी पड़ेगी’


अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीति ने भारत और अमेरिका के दशकों पुराने रणनीतिक प्रयासों को कमजोर कर दिया है. उन्होंने कहा कि भारत पर लगाए गए भारी टैरिफ, खासकर रूसी तेल खरीदने पर, भारत को रूस और चीन के करीब ला सकते हैं.

चीन पर नरमी, भारत पर सख्ती
बोल्टन ने कहा कि ट्रंप ने अप्रैल में चीन के साथ हल्की व्यापारिक टकराव की शुरुआत की थी, लेकिन किसी बड़े कदम से पीछे हट गए. वहीं, भारत पर उन्होंने 50% से ज्यादा टैरिफ लगा दिया, जिसमें 25% का सेकेंडरी टैरिफ भी शामिल है. यह टैरिफ ट्रंप ने इसलिए लगाया क्योंकि उनका कहना था कि भारत रूसी युद्ध मशीन को फंड कर रहा है.

अमेरिका के लिए ‘सबसे खराब नतीजा’
बोल्टन ने कहा कि यह टैरिफ अमेरिका के लिए ‘सबसे खराब नतीजा’ लेकर आया, क्योंकि भारत ने इसका कड़ा विरोध किया, खासकर इसलिए कि चीन पर ऐसा कोई टैरिफ नहीं लगाया गया. उनका कहना है कि यह कदम भारत को रूस और चीन के साथ मिलकर अमेरिका के खिलाफ बातचीत करने के लिए प्रेरित कर सकता है.

पूर्व अमेरिकी अधिकारी की चेतावनी
अमेरिकी विदेश नीति विशेषज्ञ क्रिस्टोफर पडिला ने भी चेतावनी दी कि यह टैरिफ भारत-अमेरिका संबंधों को लंबे समय तक नुकसान पहुंचा सकता है. उन्होंने कहा कि इससे भविष्य में यह सवाल उठ सकता है कि क्या अमेरिका एक भरोसेमंद साझेदार है, क्योंकि भारत इस टैरिफ को याद रखेगा.

चीन पर ‘डील की लालसा’
द हिल में लिखे अपने आर्टिकल में बोल्टन ने कहा कि चीन पर ट्रंप की नरमी को “डील की लालसा” के रूप में देखा जा सकता है, जिससे अमेरिकी रणनीतिक हितों को नुकसान हो सकता है. उन्होंने चेतावनी दी कि बीजिंग के लिए नरम टैरिफ दरें और नई दिल्ली के लिए सख्त टैरिफ “संभावित रूप से बड़ी गलती” होंगी.

भारत का जवाब और रूस का समर्थन
भारत ने अमेरिकी टैरिफ को “अनुचित और अव्यवहारिक” बताया है और रूसी तेल आयात का बचाव किया है. रूस ने भी भारत का समर्थन किया और अमेरिका पर “अवैध व्यापार दबाव” डालने का आरोप लगाया.

पुतिन से मुलाकात और संभावित रणनीति
ट्रंप जल्द ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने वाले हैं. बोल्टन का कहना है कि यह पुतिन को कई मोर्चों पर अपनी रणनीति आगे बढ़ाने का मौका देगा और वह भारत पर टैरिफ के मुद्दे को भी अपने पक्ष में इस्तेमाल कर सकते हैं.



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *