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मर्दों से कितने अलग होते हैं औरतों में किडनी स्टोन के लक्षण? जान लें हर बात


किडनी स्टोन (गुर्दे की पथरी) आज के समय की सबसे आम बीमारियों में से एक है. पहले यह समस्या पुरुषों में ज्यादा दिखती थी, लेकिन अब रिसर्च बताती हैं कि महिलाएं, खासकर एडल्ट और यंग महिलाएं भी तेजी से इसकी चपेट में आ रही हैं. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक स्टडी के अनुसार अब इसका असर पुरुष और महिला दोनों पर लगभग बराबर है.

पुरुष और महिलाओं में दर्द का फर्क

किडनी स्टोन का दर्द अचानक और बहुत तेज़ होता है, जिसे मेडिकल भाषा में renal colic कहते हैं. यह दर्द अक्सर कमर के पास से शुरू होकर नीचे पेट और ग्रोइन तक फैलता है.

पुरुषों में: यह दर्द ज़्यादातर कमर, पीठ और ग्रोइन में होता है. जब स्टोन यूरेटर में चला जाता है तो दर्द टेस्टिकल्स और स्क्रोटम तक भी महसूस हो सकता है.

महिलाओं में: महिलाओं को दर्द ज्यादातर निचले पेट और पेल्विस में होता है. कई बार यह दर्द स्त्री रोग से जुड़े दर्द जैसा लगता है.

महिलाओं में ज्यादा असर

स्टडीज के अनुसार 40 साल से कम उम्र की महिलाओं में किडनी स्टोन का असर ज्यादा गंभीर होता है. उन्हें थकान, नींद की कमी और चिंता (एंग्जाइटी) की परेशानी ज्यादा होती है. वहीं, मेनोपॉज के बाद हार्मोनल बदलाव की वजह से दर्द अलग तरह का महसूस होता है. इसके अलावा, महिलाओं को किडनी स्टोन से जुड़ी सर्जरी या शॉकवेव ट्रीटमेंट (lithotripsy) के बाद sepsis यानी इन्फेक्शन का खतरा पुरुषों की तुलना में अधिक होता है.

हार्मोन और लाइफस्टाइल का असर

हार्मोन भी किडनी स्टोन में बड़ी भूमिका निभाते हैं. प्री-मेनोपॉजल महिलाओं में estrogen हार्मोन पथरी बनने से बचाव करता है. लेकिन उम्र बढ़ने पर यह सुरक्षा कम हो जाती है. वहीं पुरुषों में ज्यादा पसीना निकलने और पेशाब में कैल्शियम व ऑक्सलेट ज्यादा होने की वजह से पथरी बार-बार बनने की संभावना रहती है.

लाइफ पर असर

किडनी स्टोन का दर्द हर किसी के लिए कठिन होता है. लेकिन महिलाओं में इसका असर उनकी जिंदगी पर ज्यादा पड़ता है. थकान, नींद की कमी और चिंता उनकी रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित करती है.

किडनी स्टोन से बचाव के उपाय

किडनी स्टोन से बचने के लिए जरूरी है कि हम अपनी डाइट और लाइफस्टाइल पर ध्यान दें. रोज़ाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीना सबसे जरूरी है, क्योंकि यह यूरिन को साफ रखता है और स्टोन बनने वाले खनिजों को बाहर निकालता है. ज्यादा नमक, तली-भुनी और पैकेज्ड चीज़ें खाने से बचना चाहिए. प्रोटीन का सेवन संतुलित मात्रा में करें और हरी सब्जियां, फल तथा फाइबर युक्त आहार ज़्यादा लें. शुगर और सोडा ड्रिंक्स किडनी पर दबाव डालते हैं, इसलिए इन्हें कम करना फायदेमंद है. नियमित व्यायाम भी शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालने में मदद करता है.

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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

 

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