मुंबई ट्रिपल ब्लास्ट केस में HC का बड़ा फैसला, 13 साल बाद आरोपी कफील अहमद को दी जमानत
बॉम्बे हाईकोर्ट ने साल 2011 में जवेरी बाजार, ओपेरा हाउस और दादर कबूतरखाना में हुए ट्रिपल ब्लास्ट मामले में आरोपी 65 वर्षीय कफील अहमद अयूब को जमानत दे दी. अयूब पर UAPA और MCOCA के तहत मुकदमा चल रहा है.
जस्टिस ए. एस. गडकरी और जस्टिस आर. आर. भोंसले की खंडपीठ ने यह कहते हुए जमानत दी कि अयूब पिछले एक दशक से अधिक समय से ट्रायल शुरू होने की प्रतीक्षा में जेल में बंद हैं, जबकि मुकदमे के जल्द पूरा होने की कोई संभावना नहीं दिखती.
बिना ट्रायल जेल में रखने पर जमानत
कोर्ट ने अपने आदेश में 2021 के एक ऐतिहासिक सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया, जिसमें के. ए. नजीब नाम मे आरोपी को UAPA के तहत लंबे समय तक बिना ट्रायल जेल में रखने पर जमानत दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने तब कहा था कि ‘तेज और निष्पक्ष मुकदमे का अधिकार’ जीवन के मौलिक अधिकार का हिस्सा है, जिसे विशेष कानूनों के तहत भी अनिश्चितकाल तक नकारा नहीं जा सकता.
अयूब के वकील मुबीन सोलकर ने इसी आधार पर जमानत की मांग की थी. 13 जुलाई 2011 को शाम करीब 6:55 बजे मुंबई में तीन जगह ओपेरा हाउस, जवेरी बाजार और दादर में विस्फोट हुए थे. इन धमाकों में 21 लोगों की मौत हुई थी और 113 लोग घायल हुए थे.
‘जिहाद’ के लिए उकसाने का आरोप
मुंबई एटीएस ने 18 जुलाई 2011 को यह मामला अपने हाथ में लिया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बिहार के रहने वाले अयूब को 22 फरवरी 2012 को गिरफ्तार किया था. वह तब से आर्थर रोड जेल में बंद था. फरवरी 2022 में विशेष MCOCA कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने मई 2022 में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
अभियोजन पक्ष का आरोप था कि अयूब ने सह-आरोपियों के साथ मिलकर युवाओं को ‘जिहाद’ के लिए उकसाने का काम किया और मुख्य आरोपी यासिन का सहयोगी था. जबकि अयूब की ओर से कहा गया कि आरोप अस्पष्ट हैं और उनके खिलाफ किसी भी स्वीकारोक्ति बयान में यह नहीं कहा गया कि उन्हें धमाकों की जानकारी थी.
बिना ट्रायल के जेल में रखना शासन के खिलाफ
अयूब ने अपनी याचिका में कहा था कि बिना ट्रायल के इतने लंबे समय तक जेल में रखना लोकतंत्र और कानून के शासन के खिलाफ है. कोर्ट ने उनके भारत में गहरे सामाजिक संबंधों को देखते हुए यह माना कि वे फरार होने का जोखिम नहीं हैं. कोर्ट का विस्तृत आदेश बाद में उपलब्ध कराया जाएगा.
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