Supreme News24

मोदी सरकार का बड़ा फैसला, ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार पाकिस्तान भेजे 2100 भारतीय, क्या है शहबाज सरकार का रिएक्शन?



ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार आज गुरु नानक प्रकाश पर्व के मौके पर सिख श्रद्धालुओं ने अटारी-वाघा बॉर्डर पार किया. भारत के करीब 2,100 सिख तीर्थयात्री मंगलवार (4 नवंबर 2025) को वाघा सीमा के रास्ते पाकिस्तान में दाखिल हुए. ये तीर्थयात्री गुरु नानक देव की 556वीं जयंती से संबंधित कार्यक्रमों में शामिल होने गए हैं.

पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष और पंजाब अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री सरदार रमेश सिंह अरोड़ा, ‘इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड’ (ईटीपीबी) के प्रमुख साजिद महमूद चौहान और अतिरिक्त सचिव (धार्मिक स्थल) नासिर मुश्ताक ने वाघा चेक पोस्ट पर भारतीय तीर्थयात्रियों का स्वागत किया.

2,150 भारतीय सिखों का जारी हुआ वीजा

पाकिस्तान पहुंचने वालों में अकाल तख्त के नेता ज्ञानी कुलदीप सिंह गरगज, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की बीबी गुरिंदर कौर और दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के रविंदर सिंह स्वीटा शामिल हैं. पाकिस्तान सरकार ने गुरु नानक देव की जयंती में शामिल होने के लिए 2,150 भारतीय सिखों को वीजा जारी किए थे.

ईटीपीबी के प्रवक्ता गुलाम मोहिउद्दीन ने बताया कि मंगलवार को करीब 2,100 सिख वाघा के रास्ते लाहौर पहुंचे. उन्होंने कहा कि आव्रजन और सीमा शुल्क औपचारिकताएं पूरी करने के बाद, तीर्थयात्री विशेष बसों से गुरुद्वारा जन्मस्थान, ननकाना साहिब के लिए रवाना हुए. गुरु नानक की जयंती का मुख्य समारोह बुधवार (5 नवंबर 2025) को गुरुद्वारा जन्मस्थान में आयोजित किया जाएगा, जो लाहौर से लगभग 80 किलोमीटर दूर है.

करतारपुर साहिब को सजाया गया

नासिर मुश्ताक ने कहा, ‘‘जन्मस्थान और करतारपुर साहिब सहित सभी गुरुद्वारों को लाइट से खूबसूरती से सजाया गया है. चिकित्सा सहायता के लिए, रेस्क्यू 1122 और ईटीपीबी की चिकित्सा इकाई की टीमें तीर्थयात्रियों के साथ रहेंगी.’’ उन्होंने कहा कि सभी एंट्री प्वाइंट्स और आसपास के क्षेत्रों में फूलप्रूफ सुरक्षा व्यवस्था की गई है.

मुश्ताक ने कहा, ‘‘तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए रेंजर्स, पुलिस, विशेष बल और ईटीपीबी की अपनी सुरक्षा शाखा को लगाया गया है.” अपने 10-दिवसीय प्रवास के दौरान, भारतीय सिख गुरुद्वारा पंजा साहिब हसन अब्दाल, गुरुद्वारा सच्चा सौदा-फारूखाबाद और गुरुद्वारा दरबार साहिब-करतारपुर का भी दौरा करेंगे. सिख तीर्थयात्री 13 नवंबर को अपने वतन के लिए रवाना होंगे.

मई में पहलगाम आतंकी हमले के कारण हुए चार-दिवसीय संघर्ष के बाद दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच तनाव अब भी कायम है. दोनों देशों ने मई से वस्तुतः सभी संपर्क काट दिए हैं, और उन्होंने एक-दूसरे के लिए अपने हवाई क्षेत्र के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.



Source link

Thank you so much for supporting us.

Discover more from Taza News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading