मोहम्मद यूनुस के अत्याचारों के खिलाफ इंटरनेशनल कोर्ट पहुंची शेख हसीना की पार्टी, बांग्लादेश में चुनाव से पहले क्या होगा एक्शन?
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग ने पार्टी से जुड़े लोगों के खिलाफ अपराधों की जांच की मांग करते हुए अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) का दरवाजा खटखटाया है. अवामी लीग ने अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के खिलाफ बहुआयामी वैश्विक अभियान तेज कर दिया है.
अवामी लीग पार्टी ने यूनुस पर सुनियोजित साजिश के तहत हिंसक विद्रोह के जरिए असंवैधानिक रूप से सत्ता हथियाने का आरोप लगाया है. लंदन स्थित कानूनी फर्म डॉटी स्ट्रीट चैंबर्स ने हेग स्थित ICC में अवामी लीग का प्रतिनिधित्व किया था. इस फर्म ने पिछले सप्ताह खुलासा किया था कि उसने रोम संविधि के अनुच्छेद 15 के तहत एक याचिका दायर की है, जो आईसीसी अभियोजक को न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में अपराधों के बारे में प्राप्त जानकारी के आधार पर जांच शुरू करने की शक्ति प्रदान करती है.
हत्या हिंसक भीड़ की तरफ से की गई: कानूनी फर्म
डॉटी स्ट्रीट चैंबर्स कानूनी फर्म ने अपनी याचिका में जुलाई 2024 से अवामी लीग के 400 नेताओं और कार्यकर्ताओं की हत्या के आरोपों को उजागर किया है, जिनमें से कई की हत्या हिंसक भीड़ की तरफ से की गई है. चैंबर्स ने एक बयान में कहा, ‘यह मानने का उचित आधार है कि कथित अपराध मानवता के विरुद्ध अपराध हैं, जिनमें हत्या और उत्पीड़न शामिल हैं, जिसके लिए अभियोजक की तरफ से जांच शुरू करना आवश्यक है.’
इसमें कहा गया है कि यह संचार गवाहों के बयान (वीडियो साक्ष्य के साथ) की मदद से समर्थित है, जिसमें क्रूर हत्याओं की जानकारी दी गई है. बयान में कहा गया है, ‘‘इन अपराधों की बांग्लादेश में निष्पक्ष जांच या अभियोजन की कोई वास्तविक संभावना नहीं है और इसके परिणामस्वरूप दोषियों को दंडमुक्ति मिल जाएगी.’
शेख हसीना का बड़ा बयान
अवामी लीग पार्टी के फेसबुक पेज पर बुधवार (29 अक्टूबर 2025) की देर रात अपलोड किए गए और गुरुवार (30 अक्टूबर 2025) को अन्य सोशल मीडिया मंचों की तरफ से प्रचारित अपने नए ऑडियो बयान में शेख हसीना ने कहा, ‘अवामी लीग को हमलों और अदालती मामलों के माध्यम से परेशान नहीं किया जा सकता है इस बार यह साबित हो जायेगा. अवामी लीग बांग्लादेश की धरती और वहां के लोगों की ओर से बनाई गई पार्टी है.’
78 वर्षीय हसीना बांग्लादेश में कई मामलों का सामना कर रही हैं. उन्हें पिछले साल पांच अगस्त को देश में बड़े पैमाने पर छात्र आंदोलन के बाद सत्ता से बेदखल कर दिया गया था. इसके बाद यूनुस ने अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार का पदभार संभाला था.
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