Supreme News24

यूपी-बिहार से लेकर एमपी-राजस्थान तक अक्टूबर में कितनी होगी बारिश? मौसम को लेकर सामने आया ये अपडेट



भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार (30 सितंबर, 2025) को कहा कि चार महीने के मानसून मौसम के दौरान भरपूर बारिश के बाद, भारत में अक्टूबर में सामान्य से 15 प्रतिशत अधिक बारिश होने की संभावना है. IMD महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि अक्टूबर में पूर्व-उत्तरपूर्व और उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है.

उन्होंने कहा, ‘महीने के दौरान देश के अन्य क्षेत्रों में अधिकतम तापमान सामान्य से लेकर सामान्य से कम रहने की संभावना है. देश के अधिकांश भागों में मानसून के बाद के मौसम (अक्टूबर से दिसंबर) के दौरान सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है. उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर, वर्षा सामान्य से लेकर सामान्य से कम होने की संभावना है.’

दक्षिण में वर्षा सामान्य से अधिक होने की संभावना

आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में उत्तरपूर्व मानसून (अक्टूबर से दिसंबर) की वर्षा सामान्य से अधिक (दीर्घावधि औसत के 112 प्रतिशत से अधिक) होने की संभावना है. दक्षिण प्रायद्वीपीय क्षेत्र में तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, केरल और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के पांच मौसमी उपमंडल शामिल हैं.

वर्ष 1971 से 2020 के आंकड़े के आधार पर, अक्टूबर से दिसंबर के मौसम के दौरान दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में वर्षा का LPA लगभग 334.13 मिलीमीटर है. महापात्र ने कहा कि देश में अक्टूबर में वर्षा सामान्य से अधिक (75.4 मिलीमीटर के LPA के 115 प्रतिशत से अधिक) होने की संभावना है.

अंतर-मौसमी परिवर्तन का प्रभाव

उन्होंने इसका श्रेय बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में निम्न-दाब प्रणालियां बनने के साथ-साथ अंतर-मौसमी परिवर्तनशीलता और अन्य वायुमंडलीय प्रक्रियाओं को दिया. हालांकि, उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ क्षेत्रों के साथ-साथ दक्षिणी प्रायद्वीप और उत्तर पूर्व भारत के कुछ इलाकों में अक्टूबर में वर्षा सामान्य से लेकर सामान्य से कम हो सकती है.

ये भी पढ़ें:- कार में अकेले गए तो लगेगा टैक्स, ट्रैफिक समस्या से निपटने के लिए इस राज्य का बड़ा फैसला



Source link

Thank you so much for supporting us.

Discover more from Taza News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading