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यूरोप में गर्मी ने मचाई तबाही, एक साल में हीटवेव से 62 हजार से ज्यादा की मौत, एक्सपर्ट दे रहे वॉर्निंग



यूरोप ने साल 2024 में एक और भयावह गर्मी का सामना किया, जिसमें कुल 62 हजार से अधिक लोगों की मौत सिर्फ गर्मी के कारण हो गई. प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल ‘नेचर मेडिसिन’ में 22 सितंबर, 2025 की प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, यह आंकड़ा बीते साल 2023 की तुलना में करीब 23.6% अधिक है.

यह स्टडी यूरोप के 32 देशों के 654 क्षेत्रों के डेटा पर आधारित है, जिसमें 1 जून से 30 सितंबर 2024 के बीच की गर्मी को शामिल किया गया. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह लगातार तीसरा साल है जब यूरोप में गर्मी से मौतों की संख्या बेहद चिंताजनक रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ साल 2024 में ही यहां गर्मी से 62,700 लोगों की मौत हो गई.

यूरोप के इतिहास में सबसे भीषण गर्मी

रिपोर्ट में ये बताया गया कि गर्मी के प्रभाव से महिलाओं की मृत्यु दर पुरुषों की तुलना में 46.7% अधिक रही. वहीं 75 वर्ष और उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों में गर्मी से मृत्यु दर 323% अधिक पाई गई. यूरोपीय संघ की कोपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा के अनुसार, साल 2024 में यूरोप के इतिहास में ये सबसे भीषण गर्मी रही.

आईएसग्लोबल के नाम से प्रसिद्ध बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022, 2023 और 2024 में गर्मी से कुल 1,81,000 मौतें हुई हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यह संख्या जलवायु परिवर्तन के कारण भविष्य में और बढ़ सकती है. रिसर्च के प्रमुख लेखक टॉमस जानोस ने कहा कि मौतों की संख्या हमें बता रही है कि इससे तालमेल बिठाना शुरू कर देना चाहिए.

दक्षिणी यूरोप में गर्मी से सबसे ज्यादा मौतें

यूरोपीय संघ की कोपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा के मुताबिक, यूरोप में 2024 की गर्मी अब तक की सबसे सबसे उच्च ताप वाली गर्मी थी. गर्मी से होने वाली अनुमानित मौतों में से दो-तिहाई मौतें दक्षिणी यूरोप में हुई हैं, क्योंकि यहां बुजुर्गों की आबादी सबसे अधिक है. हालांकि इस स्टडी में साल 2025 के आंकड़ें शामिल नहीं किए गए. 

इटली की इमरजेंसी मेडिकल सोसाइटी के अनुसार, वे मरीज जो पहले से कमजोर थे और कई बीमारियों का सामना कर रहे थे, उन्हें ज्यादा तकलीफ उठानी पड़ी. यूरोपीय पर्यावरण एजेंसी के अधिकारी गेरार्डो सांचे का कहना है कि कि गर्मी से संबंधित मौतों के आंकड़ों को यूरोप के निर्मित बुनियादी ढांचे और ठंड तक पहुंच में सुधार के लिए दीर्घकालिक काम करने की आवश्यकता है.

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