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ये हैं भारत के 5 सबसे खूबसूरत गांव, इटली-पेरिस तो भूल ही जाइए


उत्तराखंड के चमोली में स्थित माना गांव को भारत का आखिरी गांव माना जाता है. बर्फ से ढकी की पहाड़ियों, भागीरथी नदी का संगम और शांत वातावरण इस गांव बहुत खास बनाता है. यहां भारत की आखिरी चाय का दुकान सैलानियों को आकर्षित करती है. धार्मिक रूप से यह जगह बद्रीनाथ धाम के पास होने के कारण पवित्र भी मानी जाती है. वहीं एडवेंचर पसंद करने वाले लोगों के लिए यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं मानी जाती है.

उत्तराखंड के चमोली में स्थित माना गांव को भारत का आखिरी गांव माना जाता है. बर्फ से ढकी की पहाड़ियों, भागीरथी नदी का संगम और शांत वातावरण इस गांव बहुत खास बनाता है. यहां भारत की आखिरी चाय का दुकान सैलानियों को आकर्षित करती है. धार्मिक रूप से यह जगह बद्रीनाथ धाम के पास होने के कारण पवित्र भी मानी जाती है. वहीं एडवेंचर पसंद करने वाले लोगों के लिए यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं मानी जाती है.

वहीं अरुणाचल प्रदेश का जीरो गांव अपनी हरी भरी घाटियों और बांस के जंगलों के लिए मशहूर है. यहां की अपतानी जनजाति अपनी पारंपरिक लाइफस्टाइल और त्योहार से पर्यटकों को आकर्षित करती है. जीरो फेस्टिवल आफ म्यूजिक भी इस जगह की खास पहचान है जो हर साल हजारों सैलानियों को यहां खींच लाता है. इसके अलावा यह गांव शांति और प्रकृति से जुड़ने के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन भी माना जाता है.

वहीं अरुणाचल प्रदेश का जीरो गांव अपनी हरी भरी घाटियों और बांस के जंगलों के लिए मशहूर है. यहां की अपतानी जनजाति अपनी पारंपरिक लाइफस्टाइल और त्योहार से पर्यटकों को आकर्षित करती है. जीरो फेस्टिवल आफ म्यूजिक भी इस जगह की खास पहचान है जो हर साल हजारों सैलानियों को यहां खींच लाता है. इसके अलावा यह गांव शांति और प्रकृति से जुड़ने के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन भी माना जाता है.

मेघालय का मावलिन्नांग गांव शिलॉन्ग से करीब 90 किलोमीटर दूर स्थित है. इसे एशिया का सबसे साफ गांव कहा जाता है. यहां के लोग सफाई और पर्यावरण संरक्षण को जीवन का हिस्सा मानते हैं. गांव के लिविंग रूट्स ब्रिज जो पेड़ों की जड़ों से बने है,  पर्यटकों के बीच बहुत ज्यादा लोकप्रिय है. यहां का सुकून भरा माहौल किसी भी विदेशी डेस्टिनेशन को टक्कर देता है. इस गांव को गॉड्स ऑन गार्डन यानी भगवान का बगीचा भी कहा जाता है.

मेघालय का मावलिन्नांग गांव शिलॉन्ग से करीब 90 किलोमीटर दूर स्थित है. इसे एशिया का सबसे साफ गांव कहा जाता है. यहां के लोग सफाई और पर्यावरण संरक्षण को जीवन का हिस्सा मानते हैं. गांव के लिविंग रूट्स ब्रिज जो पेड़ों की जड़ों से बने है, पर्यटकों के बीच बहुत ज्यादा लोकप्रिय है. यहां का सुकून भरा माहौल किसी भी विदेशी डेस्टिनेशन को टक्कर देता है. इस गांव को गॉड्स ऑन गार्डन यानी भगवान का बगीचा भी कहा जाता है.

केरल के कुट्टनाड इलाके में बसा कैनाकरी गांव शांत झीलों और नाव से घूमने के लिए जाना जाता है.  वहीं यहां के यहां के नारियल के पेड़ और बैकवॉटर इसे किसी पेंटिंग जैसा खूबसूरत बना देते हैं. इस गांव की सुंदरता और सादगी इसे दक्षिण भारत के सबसे आकर्षक गांव में से एक बनाती है.

केरल के कुट्टनाड इलाके में बसा कैनाकरी गांव शांत झीलों और नाव से घूमने के लिए जाना जाता है. वहीं यहां के यहां के नारियल के पेड़ और बैकवॉटर इसे किसी पेंटिंग जैसा खूबसूरत बना देते हैं. इस गांव की सुंदरता और सादगी इसे दक्षिण भारत के सबसे आकर्षक गांव में से एक बनाती है.

राजस्थान का खिमसर भी अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है. राजस्थान का खिमसर  थार मरुस्थल के किनारे बसा है. यह गांव अपने रेत के टीलों, ऐतिहासिक किलों और डेजर्ट सफारी के लिए जाना जाता है. यहां सूरज डलते समय का नजारा देखने लायक होता है.  इसके अलावा शांत और वातावरण और पारंपरिक राजस्थानी मनुहार इस गांव को खास बनाती है.

राजस्थान का खिमसर भी अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है. राजस्थान का खिमसर  थार मरुस्थल के किनारे बसा है. यह गांव अपने रेत के टीलों, ऐतिहासिक किलों और डेजर्ट सफारी के लिए जाना जाता है. यहां सूरज डलते समय का नजारा देखने लायक होता है.  इसके अलावा शांत और वातावरण और पारंपरिक राजस्थानी मनुहार इस गांव को खास बनाती है.

Published at : 04 Nov 2025 11:48 AM (IST)



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