रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसे भारतीय छात्र का मामले पर सुनवाई, दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिया आदेश
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह यूक्रेन में बंद भारतीय छात्र साहिल मजोठी को वापस लाने के लिए गंभीर कदम उठाए. साहिल पर यूक्रेनी सेना ने आरोप लगाया है कि उसने रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस की तरफ से लड़ाई लड़ी थी.
भारतीय स्टूडेंट की मां की याचिका के मुतबिक, उसे झूठे ड्रग्स केस में जेल जाने से बचने के लिए जबरन रूसी सेना में भर्ती कराया गया था. उसकी मां हसीनाबेन मजोठी ने अब हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपने बेटे को भारत लाने की मांग की है.
दिल्ली हाई कोर्ट की केंद्र सरकार को निर्देश
दिल्ली हाई कोर्ट जस्टिस सचिन दत्ता ने सुनवाई के दौरान कहा कि लगता है साहिल को मजबूर होकर रूसी सेना में शामिल होना पड़ा. उन्होंने केंद्र सरकार से कहा कि आपको हर संभव कदम उठाना चाहिए, ताकि उसे वापस लाया जा सके.
केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि रूस भेजे जाने के बाद साहिल ने यूक्रेनी बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि एक अधिकारी नियुक्त किया जाए, जो यूक्रेनी सरकार से संपर्क में रहकर मामले पर काम करे.
मां का कोर्ट में आरोप- ‘झूठे केस में फसाया गया’
दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका में कहा गया है कि साहिल जनवरी 2024 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग गया था, जहां वह रूसी भाषा और संस्कृति की पढ़ाई कर रहा था. पढ़ाई के साथ उसने कुरियर की नौकरी शुरू की, लेकिन अप्रैल 2024 में उसे एक झूठे ड्रग्स केस में फंसा दिया गया.
याचिका में कहा गया कि उसके बाद से उसका परिवार उससे संपर्क नहीं कर सका. यूक्रेनी सेना की ओर से पकड़ा गया साहिल पहला भारतीय नागरिक है, जिसे इस युद्ध में शामिल होने के आरोप में हिरासत में लिया गया है. कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 3 दिसंबर तय की है.
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