Supreme News24

‘विकसित भारत का सपना तभी पूरा होगा, जब बेटियां भी बराबर की भागीदार बनें’, दीक्षांत समारोह में बोलीं राष्ट्रपति मुर्मू



राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार (02 नवंबर, 2025) को कहा कि 2047 तक विकसित भारत बनाने का सपना पूरा करने के लिए महिलाओं समेत सभी का सहयोग चाहिए. राष्ट्रपति ने यहां पतंजलि विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में कहा कि उन्हें यह जानकार बहुत प्रसन्नता हुई है कि यहां शिक्षा प्राप्त कर रहे कुल छात्रों में 62 प्रतिशत और आज उपाधि ग्रहण करने वाले छात्रों में 64 प्रतिशत छात्राएं हैं, जबकि पदक प्राप्त करने वाली छात्राओं की संख्या छात्रों की तुलना में चौगुनी है.

उन्होंने कहा, ‘यह केवल संख्या नहीं है, यह महिलाओं के नेतृत्व में आगे बढ़ने वाले विकसित भारत का अग्रिम स्वरूप है. साथ ही, यह भारतीय संस्कृति की उस महान परंपरा का विस्तार है, जिसमें गार्गी, मैत्रेयी, अपाला और लोपामुद्रा जैसी विदुषी महिलाएं समाज को बौद्धिक व आध्यात्मिक नेतृत्व प्रदान करती थीं.’

140 करोड़ की आबादी में से 50 फीसदी महिलाएं

उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि हमारी शिक्षित बेटियां अपनी आंतरिक शक्ति व प्रतिभा से भारत माता का गौरव बढ़ाएंगी.’ राष्ट्रपति ने कहा कि देश की 140 करोड़ की आबादी में से 50 फीसदी महिलाएं हैं, ऐसे में 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए महिलाओं समेत सभी का सहयोग चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘अगर केवल बेटे प्रयास करेंगे और बेटियां पीछे रह जाएंगी तो विकसित भारत का सपना अधूरा रह जाएगा.’ राष्ट्रपति ने योग, आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा के प्रचार प्रसार में पतंजलि विश्वविद्यालय के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि हिमालय के इस आंचल से अनेक पवित्र नदियों के साथ ही ज्ञान-गंगा की अनेक धाराएं भी प्रवाहित होती हैं और उनमें इस विश्वविद्यालय की एक अविरल धारा भी जुड़ गई है.

विकसित भारत का सपना तभी पूरा होगा, जब बेटियां भी बराबर की भागीदार बनें', दीक्षांत समारोह में बोलीं राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति मुर्मू ने अभिभावकों की सराहना की

उन्होंने छात्रों से कहा, ‘भारतीय संस्कृति के अनुसार आधुनिक शिक्षा को प्रोत्साहित करने वाले इस विश्वविद्यालय में पढ़ने का निर्णय लेकर आप सब एक महान सांस्कृतिक परंपरा के संवाहक बने हैं और इसके लिए आपके अभिभावकों की भी सराहना की जानी चाहिए.’

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय ने व्यक्तिगत विकास के माध्यम से राष्ट्र निर्माण का मार्ग अपनाया है. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस विश्वविद्यालय के छात्र अपने आचरण से एक स्वस्थ समाज और विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण सहयोग देंगे.

पर्यावरण संरक्षण मानव समुदाय के भविष्य के लिए जरूरी 

राष्ट्रपति ने पर्यावरण संरक्षण और जीवनशैली को प्रकृति के अनुरूप ढालने को मानव समुदाय के भविष्य के लिए जरूरी बताया. उन्होंने विश्वास जताया कि यहां के मनोरम स्थान पर शिक्षा प्राप्त करने के कारण छात्र जलवायु-परिवर्तन समेत अन्य वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में सदैव तत्पर रहेंगे.

दीक्षांत समारोह में कुल 1454 छात्रों को उपाध्यिां प्रदान की गयीं, जिनमें 62 शोधार्थियों को विद्या वारिधि और तीन शोधार्थियों को विद्या वाचस्पति की उपाधि दी गयी. समारोह में उत्तराखंड के राज्यपाल सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति स्वामी रामदेव, कुलपति आचार्य बालकृष्ण एवं हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मौजूद थे.

ये भी पढ़ें:- बंगाल के एक गांव में दो साल से रह रहे हैं दो बांग्लादेशी, नहीं हो रही कार्रवाई : भाजपा



Source link

Thank you so much for supporting us.

Discover more from Taza News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading