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वोटिंग में गड़बड़ी को लेकर बीजेडी का बड़ा ऐलान, कहा- ‘8 महीने में नहीं मिला संतोषजनक जवाब, अब कोर्ट जाएंगे’


बीजू जनता दल (बीजद) ने सोमवार (11 अगस्त, 2025) को कहा कि वह 2024 के विधानसभा और लोकसभा चुनावों में वोट में विसंगति को लेकर उड़ीसा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा, क्योंकि निर्वाचन आयोग इस मुद्दे पर पार्टी को कोई संतोषजनक जवाब देने में विफल रहा है. बीजद प्रवक्ता अमर पटनायक, विधायक ध्रुब चरण साहू और पूर्व सांसद शर्मिष्ठा सेठी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा की.

पटनायक ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘करीब 8 महीने पहले, बीजद ने पिछले चुनावों में देखी गई वोट विसंगति के संबंध में निर्वाचन आयोग को तथ्य-आधारित साक्ष्य सौंपे थे और जवाब मांगा था, लेकिन अभी तक संतोषजनक जवाब नहीं मिला है. इसलिए बीजद ने इस मामले को लेकर हाई कोर्ट का रुख करने का फैसला किया है.’ हालांकि, पार्टी ने कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के ‘वोट चोरी’ प्रदर्शन से दूरी बना रखी है.

आंकड़ों के अध्ययन में कई विसंगतियां 

पटनायक ने कहा, ‘कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल में चुनावों की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं, जिसके बाद पार्टी की प्रदेश इकाई भी अब इसे मुद्दा बना रही है. हालांकि बीजद ने यह मुद्दा उससे बहुत पहले ही उठाया था. राहुल गांधी ने भी ऑडिट प्रणाली की बात दोहराई, जिसकी मांग बीजद ने की थी.’ बीजद प्रवक्ता ने कहा कि पिछले चुनाव समाप्त होने के बाद निर्वाचन आयोग की ओर से दिए गए आंकड़ों का अध्ययन करने पर कई विसंगतियां सामने आईं.

पटनायक ने कहा, ‘हमने मुख्य रूप से तीन मुद्दे उठाए थे. पहला यह कि राज्य के सभी संसदीय क्षेत्रों में गिने गए मतों की संख्या ईवीएम में डाले गए मतों की संख्या से अधिक थी. दूसरा यह कि संसदीय क्षेत्रों में डाले गए कुल मतों और विधानसभा क्षेत्रों में डाले गए कुल मतों के बीच काफी अंतर था, मतदान एक साथ हुआ था.’

5 बजे के बाद डाले गए मतों की संख्या भिन्न

उन्होंने कहा कि तीसरा मुद्दा यह था कि मतदान के दिनों में शाम 5 बजे चुनाव का समय समाप्त होने के बाद, डाले गए मतों की संख्या लगभग सात प्रतिशत से 30 प्रतिशत तक भिन्न होती थी. बीजद प्रवक्ता ने दावा किया कि 50 प्रतिशत विधानसभा सीटों पर यह अंतर 15 से 30 प्रतिशत तक था.

उन्होंने कहा कि बीजद ने 19 दिसंबर, 2024 को इस संबंध में निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी और जवाब मांगा था. इसके अलावा, चुनाव प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए मतदाता सूची तैयार करने से लेकर मतगणना पूरी होने तक की पूरी प्रक्रिया का ऑडिट कराने की भी मांग की गई थी.

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