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‘वो इस तरह की क्रूरता के लायक नहीं’, सुप्रीम कोर्ट के स्ट्रीट डॉग्स पर दिए आदेश पर भाई राहुल के समर्थन में उतरीं प्रियंका गांधी


कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए मंगलवार (12 अगस्त,2025) को कहा कि शहर के सभी आवारा कुत्तों को कुछ ही हफ्तों में आश्रय स्थलों में भेजना बेहद अमानवीय कदम होगा. उन्होंने कहा कि कुत्ते सबसे सुंदर और सौम्य प्राणी हैं और वे ऐसे क्रूर बर्ताव के हकदार नहीं हैं.

प्रियंका गांधी बोलीं- ऐसा करना अमानवीय
प्रियंका गांधी की यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली-एनसीआर के अधिकारियों को सभी आवारा पशुओं को जल्द से जल्द स्थायी रूप से आश्रय स्थलों में भेजने के निर्देश के एक दिन बाद आई. कोर्ट ने यह कदम आवारा कुत्तों के काटने से होने वाले रेबीज के गंभीर खतरे को देखते हुए उठाया. प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “शहर के सभी आवारा कुत्तों को कुछ ही हफ्तों में आश्रय स्थलों पर भेजना बेहद अमानवीय है. उन्हें रखने के लिए पर्याप्त आश्रय स्थल भी नहीं हैं.”

उन्होंने कहा कि शहरी इलाकों में अक्सर जानवरों के साथ दुर्व्यवहार होता है. उन्होंने सुझाव दिया कि इस स्थिति को संभालने का मानवीय तरीका खोजा जाए, जिसमें इन निर्दोष जानवरों की सुरक्षा और देखभाल हो सके.

राहुल गांधी ने भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को बताया गलत
प्रियंका गांधी के भाई राहुल गांधी ने भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को गलत ठहराया. उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को हटाने का सुप्रीम कोर्ट का निर्देश दशकों से चली आ रही मानवीय, विज्ञान-समर्थित नीति से एक कदम पीछे है.’’ विपक्ष के नेता ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि ये बेजुबान जीव कोई ‘‘समस्या’’ नहीं हैं जिन्हें मिटाना पड़े.

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि ‘‘आश्रय स्थल, बधियाकरण, टीकाकरण और सामुदायिक देखभाल बिना किसी क्रूरता के सड़कों को सुरक्षित रख सकते हैं. लेकिन उन्हें पूरी तरह से हटाना क्रूर, अदूरदर्शी है और जिसमें करुणा का अभाव है.’’ राहुल गांधी ने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि जन सुरक्षा और पशु कल्याण साथ-साथ हों.’’

सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की बेंच ने सोमवार को आदेश दिया कि दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा और गाजियाबाद के सभी आवारा पशुओं को आश्रय स्थलों में रखा जाए. कोर्ट ने दिल्ली के अधिकारियों को 6-8 सप्ताह के भीतर लगभग 5,000 कुत्तों के लिए आश्रय स्थल बनाने का निर्देश दिया और कहा कि समय के साथ इनकी संख्या बढ़ाई जानी चाहिए.





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