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2023 में हर दिन 67 रेल हादसे, 60 से अधिक मौतें; NCRB रिपोर्ट में हैरान कर देने वाले आंकड़े



देश में 2023 में 24,678 रेल दुर्घटनाओं में 21,803 लोग मारे गए, जिनमें महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक मौतें हुईं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. साल 2023 में, सभी रेल दुर्घटनाओं में से 56 मामले चालक की गलती के कारण हुए, जबकि 43 रेल हादसे खराब डिजाइन, पटरी की खराबी, पुल या सुरंग के ढहने आदि के कारण हुए.
 
NCRB की रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलवे दुर्घटनाओं के वर्गीकरण के विश्लेषण से पता चला है कि सबसे ज्यादा 74.9 फीसदी (24,678 में से 18,480) रेल दुर्घटनाएं लोगों के ट्रेन से गिरने या पटरी पर ट्रेन की चपेट में आने के कारण हुईं, जबकि कुल 15,878 लोगों की मौत या तो ट्रेन से गिरने या पटरी पर ट्रेन की चपेट में आने के कारण हुई, जो रेलवे दुर्घटनाओं में हुई कुल मौतों का 72.8 फीसदी है. 

रेल दुर्घटनाओं में 2022 से 2023 में वृद्धि

रेल दुर्घटनाओं में 2022 की तुलना में 2023 में 6.7 फीसदी की वृद्धि हुई है. जहां 2023 में कुल 24,678 दुर्घटनाएं हुईं, वहीं 2022 में 23,139 हादसे हुए थे. NCRB की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में रेल दुर्घटनाओं में 3,014 लोग घायल हुए. सबसे अधिक रेल दुर्घटनाएं महाराष्ट्र में हुईं, जहां 5,559 मामले (22.5 प्रतिशत) हुए, उसके बाद उत्तर प्रदेश में 3,212 (13 फीसदी) हादसे हुए.

इन दोनों राज्यों में रेल दुर्घटनाओं में सबसे अधिक मौतें भी हुईं, जिनमें महाराष्ट्र में 3,445 मौतें (15.8 प्रतिशत) और उत्तर प्रदेश में 3,149 (14.4 प्रतिशत) लोगों की जान गई. रेलवे क्रॉसिंग पर सबसे अधिक दुर्घटनाएं उत्तर प्रदेश में दर्ज की गईं. उत्तर प्रदेश में रेलवे क्रॉसिंग पर कुल 2,483 हादसों में से 1,025 (41.3 प्रतिशत) दुर्घटनाएं हुईं. इसके बाद पश्चिम बंगाल (32.4 प्रतिशत) और मध्य प्रदेश (15.1 प्रतिशत) का स्थान रहा.

उत्तर प्रदेश में रेलवे क्रॉसिंग दुर्घटना में सबसे ज्यादा मौत

साल 2023 में, रेलवे क्रॉसिंग पर हुई दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा लोगों की जान उत्तर प्रदेश में गई, जहां कुल 2242 में से 1,007 लोगों की मौत हुई, जबकि पश्चिम बंगाल में 581 और मध्य प्रदेश में 375 लोगों की मौत हुई. वहीं, भारत में 2023 में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध के 27,886 मामले दर्ज किए गए, जो 2022 की तुलना में मामूली गिरावट को दर्शाता है. 

NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और तमिलनाडु उन राज्यों में शामिल हैं, जहां सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. देश में साल 2022 में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ 28545 मामले दर्ज किए गए थे. NCRB के आंकड़ों के अनुसार, अपराध की श्रेणी के अनुसार, 2023 में सबसे अधिक मामले (7,608 या 27.3 प्रतिशत) ‘साधारण चोट’ के दर्ज किए गए. इसके बाद चोरी के 4,130, (14.8 प्रतिशत) तथा जालसाजी, ठगी और धोखाधड़ी के 3,473 (12.5 प्रतिशत) मामले दर्ज किए गए.

दिल्ली के ये हैं आंकड़ें

मध्यप्रदेश में 5,738 मामले, महाराष्ट्र में 5,115, तमिलनाडु में 2,104 और कर्नाटक में 1,840 मामले दर्ज किए गए. केंद्र शासित प्रदेशों में, दिल्ली सबसे ऊपर रही, जहां 1,361 मामले दर्ज किए गए और प्रति एक लाख वरिष्ठ नागरिकों में सबसे अधिक अपराध दर 118.6 रही. रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में वरिष्ठ नागरिकों को निशाना बनाकर किए गए अपराधों में 1,914 हत्याएं, 104 बलात्कार और हत्या के प्रयास के 721 मामले शामिल हैं.

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