4 माह से नहीं मिला वेतन, मिशन भागीरथ परियोजना में कार्यरत चंदनबोइन गांधी ने की आत्महत्या, खम्मम जिले में बवाल
तेलंगाना के खम्मम जिले के कुसुमांची मंडल के पालेरु सेगमेंट में मिशन भागीरथ परियोजना में कार्यरत 35 वर्षीय कर्मचारी चंदनबोइन गांधी ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. चार माह से वेतन न मिलने के कारण परिवार के भरण-पोषण के लिए कर्ज लेना पड़ा, जिसका दबाव वो सह नहीं पाया. मंगलवार को सुबह धरना प्रदर्शन में भाग लेने के बाद घर लौटे गांधी ने खुद को फंदे पर लटका लिया.
पुलिस और सहकर्मियों के अनुसार, चंदनबोइन गांधी पिछले आठ वर्षों से पालेरु के मिशन भागीरथ फिल्टर बेड में लाइन ऑपरेटर के रूप में कार्यरत थे. मिशन भागीरथ, तेलंगाना सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य रखती है, लेकिन आउटसोर्सिंग के माध्यम से काम करने वाले श्रमिकों को पिछले 4 माह से वेतन नहीं मिला. एल एंड टी कंपनी के तहत कार्यरत ये श्रमिक आर्थिक संकट से जूझ रहे थे.
खम्मम पुलिस ने किया मामला दर्ज
पिछले दो दिनों से पालेरु ग्राम के मिशन भागीरथ प्लांट के बाहर श्रमिक सड़क पर धरना दे रहे थे. मंगलवार सुबह गांधी भी प्रदर्शन में शामिल हुए. दोपहर में भोजन के लिए घर जाने का कहकर निकले, लेकिन लौटे नहीं. परिवार के सदस्यों ने उन्हें फंदे पर लटके देखा और तुरंत पुलिस को सूचना दी. खम्मम पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. प्रारंभिक जांच में वेतन विलंब ही कारण बताया जा रहा है.
गांधी के सहकर्मी और मिशन भागीरथ जॉइंट एक्शन कमेटी (जेएसी) के नेता एम रवि (बीआरटीयू), रामबाबू और जक्कुला यदगिरि (सीआईटीयू), बालकृष्णा और मधु (आईएनटीयूसी) ने एल एंड टी कंपनी को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि वेतन न मिलने से गांधी आर्थिक तंगी में फंस गए थे. कर्ज चुकाने के कोई रास्ते न देख परिवार के भरण-पोषण का बोझ झेल नहीं पाए. गांधी की पत्नी और दो बेटियां हैं, जो अब विधवा और अनाथ हो गई हैं.
श्रमिक संगठनों ने दी राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी
घटना के बाद सहकर्मियों ने गांधी के शव को मिशन भागीरथ पंप हाउस के बाहर लाकर धरना शुरू कर दिया. उन्होंने न्याय की मांग की और कंपनी व अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया. मिशन भागीरथ ठेकेदार और अधिकारियों ने परिवार को सहायता देने का आश्वासन दिया, जिसके बाद धरना समाप्त हो गया.
जेएसी नेताओं ने सरकार से विलंबित वेतनों का भुगतान तत्काल करने, श्रमिकों के कल्याण के लिए विशेष पैकेज घोषित करने की मांग की. खम्मम जिला पुलिस कमिश्नर ने बताया कि जांच पूरी होने पर उचित कार्रवाई की जाएगी. श्रमिक संगठन राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं.
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