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50 हजार करोड़ की संपत्ति के बावजूद गांव में रहते हैं श्रीधर वेंबू, जोहो फाउंडर की सादगी के कायल हो जाएंगे आप



इन दिनों जोहो कॉर्पोरेशन की Arattai ऐप हर किसी की जुबान पर चढ़ चुकी है. WhatsApp के विकल्प के तौर पर देखी जा रही यह ऐप ऐप्पल के ऐप स्टोर में शीर्ष पर पहुंच गई थी. इस ऐप के साथ-साथ लोग अब जोहो कॉर्पोरेशन के फाउंडर श्रीधर वेंबू के बारे में भी भी खूब चर्चा कर रहे हैं. करोड़ों की संपत्ति के मालिक वेंबू गांव में रहते हैं और आज भी साइकिल की सवारी करते हुए दिख जाते हैं. आइए जानते हैं कि वेंबू का सफर कैसा रहा है. 

IIT से की पढ़ाई

1968 में पैदा हुए श्रीधर वेंबू का सफर असल मायनों में प्रेरणादायी है. उन्होंने IIT मद्रास से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और अमेरिका की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से PhD की है. पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने कुछ समय क्वालकॉम में सिस्टम डेटा इंजीनियर की नौकरी की. कुछ ही समय में यहां उनका मन भर गया और उन्होंने खुद की कंपनी शुरू करने का मन बना लिया. 1996 में उन्होंने अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर AdventNet की शुरुआत की, जो आगे चलकर जोहो कॉर्पोरेशन बन गई. आज यह भारत की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों में से एक है. 

गांव में रहते हैं अरबपति वेंबू

फोर्ब्स की 2024 की इंडिया के टॉप 100 अरबपतियों की लिस्ट में वेंबू 51वें स्थान पर है. पिछले कुछ समय से उनकी संपत्ति तेजी से बढ़ी है. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, अरबति वेंबू के परिवार की नेट वर्थ 50 हजार करोड़ से ज्यादा है. इतना पैसा होने के बावजूद वेंबू बेहद सादगी से अपना जीवन जीते हैं. 2019 में वो सिलिकॉन वैली छोड़कर तमिलनाडु के टेनकासी में आ बसे. आसपास की जगहों पर जाने के लिए वो किसी बड़ी गाड़ी की जगह साइकिल का इस्तेमाल करते हैं. 2021 में भारत सरकार ने उन्हें देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया था. 

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