डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका, इस करीबी देश ने पकड़ा अलग रास्ता; अमेरिका के लिए खड़ी कर दी मुसीबत

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को उनके ही करीबी देश ने झटका दिया है. फ्रांस, ब्रिटेन और कनाडा के बाद अब ऑस्ट्रेलिया ने भी संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलीस्तीन को मान्यता देने का फैसला किया है. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने सोमवार (11 अगस्त, 2025) को कहा कि उनका देश फिलिस्तीन को अलग देश की मान्यता देगा.
पीएम एंथनी अल्बनीज की यह टिप्पणी उनके मंत्रिमंडल और ऑस्ट्रेलिया में कई लोगों द्वारा फिलिस्तीन को अलग देश की मान्यता देने की अपील के बाद आई है. हाल ही में खुद अल्बनीज ने गाजा में भुखमरी और इजरायली नेता बेंजामिन नेतन्याहू की ओर से नए हमले की घोषणा की योजनाओं की आलोचना की थी.
सितंबर में UNGA की बैठक में करेंगे समर्थन: अल्बनीज
कैबिनेट बैठक के बाद पीएम एंथनी ने पत्रकारों को बताया कि फिलिस्तीन को मान्यता देने के ऑस्ट्रेलिया के फैसले को सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में औपचारिक रूप दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह फैसला फिलिस्तीनी प्राधिकरण से ऑस्ट्रेलिया को मिली प्रतिबद्धताओं पर आधारित है.
टू नेशन थ्योरी सबसे अच्छी उम्मीद: एंथनी अल्बनीज
अल्बानीज ने कहा, “मध्य पूर्व में हिंसा के चक्र को तोड़ने और गाजा में संघर्ष, पीड़ा और भुखमरी को समाप्त करने के लिए दो-राज्य समाधान मानवता की सबसे अच्छी उम्मीद है.”
ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा ने किया फिलिस्तीन का समर्थन
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया से पहले ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा फिलिस्तीन को अलग देश की मान्यता देने का समर्थन कर चुके हैं. कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कहा था कि कनाडा सितंबर में फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने की योजना बना रहा है. वहीं ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने कहा कि अगर इजराइल वॉर को रोकने के के लिए कदम नहीं उठाता है तो वे फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देंगे.
क्या है अमेरिका का रुख?
अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने हाल ही में कहा कि फिलहाल फिलिस्तीन को मान्यता देने की हमारी कोई योजना नहीं है. उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन को मान्यता देने का क्या मतलब होगा, क्योंकि वहां कोई कार्यशील सरकार नहीं है. जेडी वेंस ने कहा कि अमेरिका गाजा में और ज्यादा सहायता पहुंचाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.