Supreme News24

Chhath Puja 2025: छठ पूजा के दौरान नदी के पानी से कितना खतरा? डॉक्टर ने बताया बचने का तरीका



छठ पूजा का पवित्र पर्व नजदीक है और लाखों श्रद्धालु नहाय खाय के दौरान नदियों में डुबकी लगाने के लिए तैयार हैं. हालांकि, कई नदियों का पानी इतना प्रदूषित है कि वह सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है. दिल्ली के मशहूर सर गंगा राम हॉस्पिटल के डॉ. समीर कालरा ने नदियों के पानी को लेकर गंभीर चेतावनी दी है. उन्होंने बताया कि कई नदियों का पानी काफी प्रदूषित है, जिससे स्किन और नसों को गंभीर नुकसान हो सकता है. उन्होंने कई ऐसे तरीके बताए, जिनकी मदद से सावधानी बरती जा सकती है.

नदियों के पानी से खतरा क्यों?

डॉ. कालरा के मुताबिक, कई नदियों के पानी में दो मुख्य समस्याएं हैं. पहला कई नदियों के पानी में मल-मूत्र यानी फीकल वेस्ट की मात्रा स्वीकार्य सीमा से कहीं ज्यादा है. दूसरा यह कि इस पानी में कई तरह के हेवी मेटल्स (भारी धातुएं) मौजूद हैं, जो शरीर के लिए खतरनाक हैं. ये दोनों चीजें मिलकर सेहत को भारी नुकसान पहुंचा सकती हैं. 

स्किन को क्या हो सकता है नुकसान?

डॉ. कालरा बताते हैं नदियों के पानी में मौजूद मल-मूत्र के कारण स्किन पर बुरा असर पड़ सकता है. इस पानी में बैक्टीरिया और गंदगी इतनी ज्यादा हैं कि ये स्किन को नुकसान पहुंचा सकती हैं. इससे डर्मेटाइटिस जैसी बीमारी होने का खतरा है, जिससे स्किन पर लाल चकत्ते, खुजली और सूजन हो जाती है. कई बार यह इतना गंभीर हो जाता है कि स्किन पर घाव तक बन जाते हैं. खासकर बच्चों और उन लोगों को ज्यादा खतरा है, जिनकी त्वचा सेंसिटिव है.

क्यों बढ़ जाता है खतरा?

छठ पूजा के दौरान श्रद्धालु कई बार घंटों तक पानी में खड़े रहते हैं. ऐसे में गंदे पानी और स्किन का संपर्क काफी समय तक रहता है, जिससे खतरा बढ़ जाता है. डॉ. कालरा के मुताबिक, लोगों को लगता है कि नदियों का पानी पवित्र है, लेकिन प्रदूषण के कारण यह अब सेहत के लिए हानिकारक हो गया है. थोड़ी-सी सावधानी बरतकर हम इस खतरे को कम कर सकते हैं.

हेवी मेटल्स से नसों को कितना नुकसान?

नदियों के पानी में मौजूद हेवी मेटल्स जैसे लेड, मरकरी और आर्सेनिक स्किन के जरिए शरीर में एंट्री कर सकते हैं. नहाते समय अगर थोड़ा-सा पानी मुंह में चला जाए तो ये मेटल्स शरीर में जमा होने लगते हैं. लंबे समय तक ऐसा होने से नसों को नुकसान पहुंच सकता है, जिसे न्यूरोपैथी कहते हैं. डॉ. कालरा के मुताबिक, हेवी मेटल्स शरीर में धीरे-धीरे जमा होते हैं और कई साल बाद गंभीर बीमारियां पैदा कर सकते हैं. खासकर बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है.

इन टिप्स का जरूर रखें ध्यान

  • पानी को मुंह में न लें: नदी के पानी को किसी भी हालत में न पिएं. स्नान के दौरान कोशिश करें कि पानी मुंह में न जाए. अगर पानी मुंह में चला जाए तो तुरंत कुल्ला करें.
  • तेल लगाएं: अगर आपको डुबकी है तो स्नान से पहले पूरे शरीर पर तेल मालिश करें. सरसों, नारियल या कोई भी प्राकृतिक तेल इस्तेमाल किया जा सकता है. तेल से स्किन पर एक परत बन जाती है, जो पानी को सीधे स्किन तक पहुंचने से रोकती है.
  • तुरंत साफ करें शरीर: डुबकी लगाने के बाद जितनी जल्दी हो सके, साफ पानी से नहाएं. साबुन या शैंपू का इस्तेमाल करें, ताकि स्किन पर मौजूद प्रदूषक पूरी तरह साफ हो जाएं. अगर मुमकिन हो तो गर्म पानी का इस्तेमाल करें, इससे स्किन अच्छी तरह साफ होती है.

इसे भी पढ़ें: तेंदुए को कैंसर और डायबिटीज तो बाघिन को मोतियाबिंद, जानवरों को क्यों हो रहीं इंसानों जैसी बीमारियां?

Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )

Calculate The Age Through Age Calculator



Source link

Thank you so much for supporting us.

Discover more from Taza News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading