Donald Trump: डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा फैसला, इस देश को CPC लिस्ट में डाला; क्या लगाएंगे आर्थिक प्रतिबंध?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि नाइजीरिया में ईसाई धर्म आज अस्तित्वगत खतरे का सामना कर रहा है. उन्होंने घोषणा की कि अमेरिका ने नाइजीरिया को विदेश विभाग की विशेष निगरानी सूची (Special Watchlist) में शामिल कर लिया है. ट्रंप ने अपने Truth Social अकाउंट पर लिखा कि नाइजीरिया में हज़ारों ईसाई मारे जा रहे हैं. कट्टरपंथी ताकतें इनके खिलाफ नरसंहार चला रही हैं. अब अमेरिका इसे विशेष चिंता का देश घोषित कर रहा है और यह केवल शुरुआत है.
अमेरिकी प्रशासन ने नाइजीरिया को अब Countries of Particular Concern (CPC) की श्रेणी में रख दिया है. इस सूची में पहले से चीन, रूस, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और म्यांमार जैसे देश शामिल हैं. इस श्रेणी में किसी देश को तभी डाला जाता है, जब वहां धार्मिक स्वतंत्रता का गंभीर उल्लंघन पाया जाए. इसका मतलब यह नहीं कि तुरंत आर्थिक प्रतिबंध लगेंगे, लेकिन इससे अमेरिकी राष्ट्रपति को आगे कूटनीतिक या आर्थिक कार्रवाई का अधिकार मिल जाता है.
Donald Trump has finally join the propaganda, and he declared Nigeria as a country of particular concern because of the so called Christian genocide!
This happened because of the carelessness of our government. The FG knows it’s false, yet it turned a blind eye. pic.twitter.com/F2OInSPTyz
— F A A R E E S 💫 🇵🇸 (@MFaarees_) October 31, 2025
हिंसा पर कार्रवाई जरूरी-ट्रंप
ट्रंप ने कहा कि वे अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की विनियोग समिति और सांसदों रिले मूर तथा टॉम कोल से इस मुद्दे की जांच करने का अनुरोध कर रहे हैं. उन्होंने लिखा, “जब नाइजीरिया जैसे देश में हज़ारों निर्दोष लोग सिर्फ़ अपने धर्म के कारण मारे जा रहे हों, तो दुनिया को चुप नहीं रहना चाहिए. अब कुछ ठोस कदम उठाने का समय है.”
हमारे देश में धार्मिक स्वतंत्रता सुरक्षित-नाइजीरिया की सफाई
नाइजीरिया सरकार ने ट्रंप के आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि उनके देश में धर्म की स्वतंत्रता पूरी तरह सुरक्षित है और सरकार किसी भी धर्म के खिलाफ हिंसा का समर्थन नहीं करती. अमेरिकी एजेंसी AP की रिपोर्ट के अनुसार, नाइजीरिया को पहले भी 2020 में अमेरिका की विशेष चिंता सूची में डाला गया था, लेकिन 2023 में इसे हटा दिया गया था. अब ट्रंप प्रशासन ने इसे फिर से शामिल किया है, यह कहते हुए कि ईसाई समुदाय पर हमले बढ़ गए हैं.
नाइजीरिया में बढ़ती धार्मिक हिंसा
नाइजीरिया में पिछले कुछ वर्षों से ईसाई समुदाय पर हमलों की घटनाएं तेज़ी से बढ़ी हैं. मानवाधिकार संगठनों के अनुसार, पिछले साल ही 4,000 से अधिक ईसाई मारे गए और 2,000 चर्चों को निशाना बनाया गया. इन घटनाओं के पीछे दो मुख्य उग्रवादी संगठन माने जाते हैं बोको हराम (Boko Haram) और फुलानी चरवाहा मिलिशिया (Fulani Militia). इन समूहों ने ग्रामीण इलाकों में हमले कर हज़ारों लोगों को विस्थापित कर दिया है.
विशेष चिंता वाले देश की परिभाषा क्या है
अमेरिकी International Religious Freedom Act (IRFA) के तहत किसी देश को विशेष चिंता वाला देश तब घोषित किया जाता है, जब वहां धार्मिक स्वतंत्रता का व्यवस्थित उल्लंघन हो या धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा हो. ऐसे देशों पर अमेरिका आर्थिक प्रतिबंध, व्यापारिक सीमाएं या राजनयिक दबाव जैसे कदम उठा सकता है. हालांकि अंतिम निर्णय राष्ट्रपति के विवेक पर निर्भर करता है.
आगे क्या कर सकता है अमेरिका
नाइजीरिया को निगरानी सूची में शामिल करने के बाद अमेरिका अब वहां की स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगा. इसके बाद ट्रंप प्रशासन संभावित आर्थिक प्रतिबंधों और राजनयिक कदमों पर विचार करेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला केवल नाइजीरिया तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अफ्रीका में अमेरिका की धार्मिक स्वतंत्रता नीति का हिस्सा है, जिसके तहत ट्रंप प्रशासन ईसाई समुदाय की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहा है.
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