Dunja Mata Mandir: दूणजा माता मंदिर सदियों से माता को चढ़ता है शराब का भोग! जानिए इसके पीछे का रहस्य!
Dunja Mata Temple: जहां आस्था होती है, वहां कोई ना कोई चमत्कार जरूर होता है या फिर ऐसा कहे कि आस्था और चमत्कार एक ही सिक्के के दो पहलू होते हैं और यह साबित होता है टोंक जिले के दूनी कस्बे में स्थित दूणजा माता के मंदिर में, जहां माता की प्रतिमा को भोग के रूप में शराब चढ़ाई जाती है.
यह सिर्फ टोंक वालों की आस्था ही नहीं बल्कि पूरे देशभर के लोगों के लिए आस्था का केंद्र है. मान्यता है कि, मन्नत पूरी होने पर माता की प्रतिमा को सुरापान करवाया जाता है. आइए जानते हैं इसके बारे में.
टोंक जिले के इस मंदिर में माता सुरापान करती हैं
टोंक जिले के दूनी कस्बे में तालाब के किनारे विद्यमान प्राचीन दूणजा माता मंदिर, जहां दुणजा माता की प्रतिमा सुरापान करती है, इतना ही नहीं माता के मुंह को जैसे ही शराब से भरी बोतल लगाती ही बोतल खाली हो जाती है, और ये परंपरा यहां पर सदियों से जारी है.
दूणता माता की प्रतिमा द्वारा इतनी बड़ी मात्रा मे शराब का सेवन हमेशा से चर्चा का विषय रहा है, जहां वर्तमान में वैज्ञानिक सोच वाले लोग इससे मानने से इंकार करते दिखाई देते हैं, तों यहीं के राजा के समय पर अग्रेजों द्वारा पूरे मंदिर की खुदाई करवाई गई.
मंदिर के चमत्कार के आगे विज्ञान ने जोड़े हाथ
माता की मूर्ति के पूरे कपड़े उतरवाकर मूर्ति को हजारों क्विंटल शराब मुंह मे उड़ेलने पर भी मूर्ति पूर्व की तरह शराब का सेवन करती रही, कहते हैं परीक्षा तो रामायण काल में माता सीता को भी देनी पड़ी थी और यही कारण हैं कि, उसके बाद फिर से मूर्ति की जांच की गई.
परन्तु थक-हारकर उनकों को इसे मानना पड़ा, यहां बाहर से आने वाले भक्त भी इसमे अटूट विश्वास रखते हैं, लगभग 1244 ईंसवीं से पूर्व का इतिहास रखने वाले इस मंदिर में कई प्रकार किवदंतिया प्रचलित है.
दूणजा माता मंदिर आज भी रहस्यों से भरा
दूणजा माता के भक्तों का कहना है कि, आज तक यह रहस्य बना हुआ है कि आखिर सैंकडों बोतलों की तादात में माता सुरापान करती है किन्तु शराब जाती कहां है? इसको लेकर आज भी पता नहीं लग सका है.
लोग इसे माता का चमत्कार कहते हैं कि जिसकी जितनी आस्था होती है माता उसका प्रसाद उतना ही ग्रहण करती है, मंदिर के पुजारी की माने तो सुरा माता का मुख्य भोग है, जिसका पान माता सदियों से करती आ रही है, शराब समाज के लिये अभिशाप है, फिर भी मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालू माता को भोग के रूप मे शराब चढ़ाते हैं.
नवरात्रि के मौके पर मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़
वैसे तो दूनी के इस मंदिर में हर समय चहल-पहल रहती है, पर विशेषतौर पर नवरात्र पर यहां हमेशा ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, श्रद्धालु माता के दर्शनों के लिए सुदूर क्षैत्रों से आते हैं और नवरात्र में मन्नत पूरी होने तक मंदिर में ही रह कर माता से प्रार्थना करते हैं.
और देवी मां प्रसन्न होकर सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं, कई प्रकार के रोग दोष माता के सुमिरन मात्र से ही दूर हो जाते हैं, भक्तों का कहना है कि माता सभी को अभय देने वाली है ओर नवरात्र में माता के मंदिर में रह कर सुमिरन करने से मां प्रसन्न होती है ओर रोग, दोष, भय ओर दरिद्रता का निवारण करती हैं.
इनके भक्तों मे ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले लोग ही नहीं पढे़-लिखे लोगों में भी माता के प्रति अटूट विश्वास दिखाई देता है.
मंदिर की आस्था के प्रति भक्तों में अटूट विश्वास
दूणजा माता मंदिर के प्रति लोगों में आस्था अपार है और नवरात्र के दिन बीतने के साथ मंदिर में भक्तों की भीड़ परवान चढ़ने लगती है. मंदिर में नवरात्र में मां के दरबार में रहने वाले और बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए जनसहयोग से नवरात्र के दस दिनों में निशुल्क भंडारे की व्यवस्था रहती है.
आस्था को लेकर गौरतलब बात यह है कि हिन्दू धर्म ही नहीं बल्कि अन्य धर्म के लोग भी माता मंदिर से ही हर शुभ कार्य की शुरुआत करते हैं. चाहे कोई नया व्यापार आरंभ करना हो या फिर कोई नया वाहन चलाना हो.
देखा जाए पूरी दुनिया मे आज भी विज्ञान आस्था के आगे सर झुकाता दिखाई दे जाता है, और कई अनसुलझे रहस्य ऐसे हैं जहां आकर विज्ञान मूक बन जाता है और अलौकिक शक्ति उस कठिन सवाल को बड़ी आसानी से सुलझा लेती है.
जिले के दूनी स्थित दूणजा माता की प्रतिमा की महिमा भी किसी से कम नहीं हैं, जहां आस्था और चमत्कार दोनों का अद्भुत संगम है, जहां सैंकड़ों बार परीक्षा के बाद माता अपने भक्तों पर सदियों से कृपा रस बरसा रही है.
(टोंक से प्रियदर्शन वैष्णव की रिपोर्ट)
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