Supreme News24

Exclusive: लॉरेंस बिश्नोई गैंग को आतंकी संगठन घोषित करेगी कनाडा सरकार? abp न्यूज के पास आ गया जवाब


कनाडा की मुख्य विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी ने आज मंगलवार (12 अगस्त, 2025) को सरकार से लॉरेंस बिश्नोई गैंग को आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग की है. साथ ही आरोप लगाया कि ये गैंग कनाडा में हिंसक अपराधों की बढ़ती घटनाओं के लिए जिम्मेदार है. इससे पहले भी कनाडा के प्रांतों के प्रीमियर और मेयर लॉरेंस गैंग को आतंकी संगठन की लिस्ट में डालने की मांग कर चुके हैं.

हालांकि इस मामले में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में एबीपी न्यूज़ को भेजे गए अपने Exclusive जवाब में कनाडा की सरकार ने लॉरेंस गैंग को आतंकी संगठन की सूची में जोड़ने की मांग पर विचार के भी संकेत दिए हैं. एबीपी न्यूज़ ने कनाडा के गृह मंत्रालय के पब्लिक सेफ्टी डिपार्टमेंट (Department of Public Safety) से ई-मेल के माध्यम से पूछा था कि क्या लॉरेंस बिश्नोई गैंग को आतंकवादी संगठन घोषित करने पर विचार किया जा रहा है या फिर कोई कदम उठाया जा रहा है? क्या इस संबंध में कनाडा की खुफिया एजेंसी CSIS या पुलिस बल RCMP ने कोई आधिकारिक आकलन (Formal Assessment) शुरू कर दिया है. इस पर कनाडा के गृह मंत्रालय पब्लिक सेफ्टी डिपार्टमेंट ने एबीपी न्यूज़ को भेजे अपने एक्सक्लूसिव जवाब में कहा, “पब्लिक सेफ्टी डिपार्टमेंट किसी भी ऐसे संगठन पर टिप्पणी नहीं करता, जिसकी समीक्षा चल रही हो. यह एक चालू प्रक्रिया है.”

कनाडा के गृह मंत्रालय ने क्या कहा
एबीपी न्यूज़ को भेजे इस जवाब में कनाडा के गृह मंत्रालय पब्लिक सेफ्टी डिपार्टमेंट ने अपने जवाब में किसी भी चीज़ की सीधी पुष्टि तो नहीं की, लेकिन जिस तरह से लिखा पब्लिक सेफ्टी डिपार्टमेंट समीक्षा के दौरान किसी भी संगठन पर टिप्पणी नहीं कर सकता और यह एक चालू प्रक्रिया है,” उससे इस बात की संभावना मजबूत हो गई है कि कनाडा का गृह मंत्रालय लॉरेंस बिश्नोई गैंग को आतंकी संगठन की सूची में शामिल करने पर विचार कर रहा है.

कंजरवेटिव पार्टी के सांसद ने क्या आरोप लगाए
साथ ही कनाडा का डिपार्टमेंट ऑफ़ सेफ्टी ही किसी संगठन को आतंकी संगठन की सूची में जोड़ता है या फिर हटाता है. कनाडा की गृह मंत्री गैरी आनंद संगारी को लिखे पत्र में विपक्षी कंजरवेटिव के सांसद और विपक्ष के शैडो मिनिस्टर ऑफ पब्लिक सेफ़्टी (यह पद विपक्षी सांसद का होता है, जिसका काम संबंधित मंत्रालय की नीतियों पर नज़र रखना और सवाल उठाना है) फ्रैंक कैपुटो ने लिखा कि बिश्नोई गैंग की गोलीबारी, दक्षिण एशियाई कनाडाई नागरिकों से रंगदारी वसूलना और चरम हिंसा आतंकवादी संगठन घोषित करने के मानदंडों को पूरा करती है. साथ ही लॉरेंस गैंग के सदस्य राजनीतिक, धार्मिक और वैचारिक उद्देश्यों से इन अपराधों में शामिल होते हैं और इन्हें सार्वजनिक तौर पर अंजाम देकर भय का माहौल बनाने की कोशिश करते हैं. ऐसे में लॉरेंस बिश्नोई गैंग की गतिविधियां इसे आतंकवादी संगठन घोषित करने के लिए आधार तैयार करती हैं और यह कदम कानून प्रवर्तन एजेंसियों और सभी स्तर की सरकारों को इसके खिलाफ कार्रवाई के लिए जरूरी कानूनी, वित्तीय, आपराधिक और संपत्ति संबंधी प्रतिबंध लगाने के हथियार उपलब्ध कराएगा.

बताते चलें कि इस साल जून से ही कनाडा में लॉरेंस बिश्नोई गैंग को आतंकी संगठन घोषित करने की मांग चल रही है. इससे पहले कनाडा के प्रांत ब्रिटिश कोलंबिया के प्रीमियर डेविड एबी, अल्बर्टा की प्रीमियर डेनिएल स्मिथ और सरे शहर की मेयर ब्रेंडा लॉक ने सार्वजनिक तौर पर कनाडा की सरकार से लॉरेंस बिश्नोई गैंग को क्रिमिनल कोड के तहत आतंकवादी संगठन घोषित करने की अपील की थी.

गोल्डी बरार को आतंकवादी घोषित कर चुकी है भारत सरकार
कनाडा में इस समय लॉरेंस गैंग का प्रमुख सदस्य गोल्डी बरार है. उसे भारत सरकार UAPA के तहत आतंकवादी घोषित कर चुकी है. ऐसे में अगर कनाडा की सरकार लॉरेंस गैंग को आतंकी संगठन घोषित करती है तो इसका सीधा असर गोल्डी बरार पर भी पड़ेगा और कनाडा में ना सिर्फ उसकी संपत्ति जब्त हो सकती है बल्कि उसे उम्रकैद तक की सजा भी हो सकती है.

एबीपी न्यूज़ को भेजे अपने आधिकारिक जवाब में कनाडा के डिपार्टमेंट ऑफ़ पब्लिक सेफ्टी ने जानकारी दी कि “जब किसी संगठन को इस सूची में डाल दिया जाता है तो उसे कनाडा के क़ानून के तहत “आतंकी समूह” माना जाता है और कनाडा के क़ानून के क्रिमिनल कोड के मुताबिक आतंकी संगठन से जुड़ी चीज़ें पूरी तरह से ग़ैर-कानूनी हो जाती हैं, जैसे आतंकी संगठन या फिर उसके सदस्यों को पैसे देना, उनके लिए सफ़र करना, या लोगों को उनके लिए भर्ती करना शामिल है.”

कनाडा के डिपार्टमेंट ऑफ़ पब्लिक सेफ्टी के एबीपी न्यूज़ को भेजे जवाब के मुताबिक़ ऐसे संगठन की संपत्ति और पैसा सरकार ज़ब्त, फ्रीज़ या जब्त करके अपने कब्ज़े में ले सकती है. साथ ही बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान (जैसे शेयर मार्केट वाली कंपनियां) को यह जानकारी सरकार को देनी होती है कि उस संगठन या उसके सदस्यों के पास क्या-क्या संपत्ति या पैसा है और उन्हें यह सुनिश्चित करना होता है कि वह संगठन अपने पैसों तक पहुंच न पाए और किसी भी तरह इन पैसों से लेन-देन करना भी मना है. इसके अलावा, अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी आतंकी समूह की मदद करता है सीधे या घुमा-फिराकर ताकि वह आतंकी हमला करने या उसकी तैयारी करने में सक्षम हो सके तो वह भी गंभीर अपराध माना जाएगा.
 
ये भी पढ़ें

Tejas Mk2: पाकिस्तान का अपना ही उसे… ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब नई तैयारी! क्या करने जा रहा भारत



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *