Nano Banana ट्रेंड से सावधान! बस एक क्लिक में खाली हो सकता है आपका बैंक अकाउंट, जानिए क्या नहीं करना चाहिए
Nano Banana Trend: पिछले कुछ दिनों से गूगल के Gemini का Nano Banana मॉडल सोशल मीडिया पर चर्चा का बड़ा कारण बना हुआ है. शुरुआत में यह ट्रेंड तब वायरल हुआ जब लोगों ने इस मॉडल से बेहद रीयलिस्टिक 3D फिगरिन्स और रेट्रो-स्टाइल इमेजेस बनानी शुरू कीं. खासकर 80s लुक वाली साड़ियों में तैयार तस्वीरें लोगों का ध्यान खींचने लगीं. लेकिन जहां यह ट्रेंड मनोरंजन का जरिया बन रहा है, वहीं इसके बीच एक गंभीर चेतावनी भी सामने आई है.
IPS अफसर की चेतावनी
आईपीएस अधिकारी वी.सी. सज्जनार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर लोगों को सावधान रहने के लिए कहा है. उनका कहना है कि ऐसे वायरल ट्रेंड्स में बिना सोचे-समझे शामिल होना और व्यक्तिगत जानकारी साझा करना भविष्य में भारी पड़ सकता है. उन्होंने लिखा, “इंटरनेट पर ट्रेंडिंग टॉपिक्स के जाल में मत फंसिए! ‘Nano Banana’ ट्रेंड के नाम पर यदि आप अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करेंगे तो एक ही क्लिक में आपके बैंक अकाउंट का पैसा अपराधियों के हाथ लग सकता है. कभी भी अपनी फोटो या निजी डिटेल्स किसी फेक वेबसाइट या अनऑथराइज्ड ऐप्स को न दें.”
सुरक्षा को रखें प्राथमिकता
अफसर ने आगे कहा कि लोग सोशल मीडिया पर अपनी खुशियां साझा करें लेकिन सुरक्षा हमेशा पहली प्राथमिकता होनी चाहिए. उनके मुताबिक, बिना जांचे-परखे किसी नए ट्रेंड में कूदना वैसा ही है जैसे बिना देखे गहरे गड्ढे में कदम रख देना. उन्होंने साफ कहा – “अपनी जानकारी और तस्वीरें अपलोड करने से पहले दो बार सोचें.” सज्जनार ने यह भी जोड़ा कि एक बार अगर आपका डेटा किसी नकली वेबसाइट के हाथ लग गया, तो उसे वापस पाना लगभग असंभव हो जाता है और इसके नतीजे बेहद खतरनाक हो सकते हैं.
क्यों खतरनाक है “Nano Banana” ट्रेंड?
यह ट्रेंड सिर्फ व्यक्तिगत तस्वीरें या डेटा साझा करने तक सीमित नहीं है. इसमें डेटा सुरक्षा के बड़े खतरे भी छिपे हुए हैं. बड़ी टेक कंपनियां अक्सर यूजर्स द्वारा अपलोड की गई तस्वीरों और डाटा को अपने AI मॉडल्स को ट्रेन करने में इस्तेमाल कर सकती हैं. उदाहरण के तौर पर, Google डिफॉल्ट रूप से Gemini पर हुई बातचीत को ट्रेनिंग में इस्तेमाल करता है.
हालांकि यूजर्स चाहें तो इसे बंद कर सकते हैं लेकिन यह प्रक्रिया आसान नहीं है. इसी तरह Anthropic (Claude चैटबॉट बनाने वाली कंपनी) ने हाल ही में घोषणा की है कि अगर यूजर्स खुद से बाहर निकलने का विकल्प नहीं चुनते तो उनकी डाटा ट्रेनिंग में इस्तेमाल होगा.
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