Neck Weight From Phone: गर्दन झुकाकर फोन देखने से नेक पर पड़ता है इतने किलो वजन, कोई डॉक्टर भी नहीं बताएगा यह बात
Neck Pain From Mobile Use: मोबाइल पर घंटों चैटिंग करनी हो या फिर लैपटॉप पर बैठकर घंटों काम करना हो, इंसान शरीर का पूरा भार झुकाकर काम करता है. इससे गर्दन में तमाम तरह की दिक्कत होने लगती है, जैसे कि गर्दन में अकड़न, गर्दन का टेढ़ा होना. यह सिर्फ आपके साथ ही नहीं होता, बल्कि एक संस्था की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में करीब 50 प्रतिशत ऐसे लोग हैं, जो क्रॉनिक बैक पेन का सामना कर रहे हैं. यह आंकड़ा कई साल पुराना है, तो अब इसमें इजाफा होने की संभावना है. चलिए आपको बताते हैं कि अगर आप गर्दन झुकाकर फोन देखते हैं, तो इससे कितने किलो का भार नेक पर पड़ता है.
मांसपेशियों पर पड़ता है दबाव
अगर आप घंटों बैठकर फोन चलाते हैं, तो इसका असर गर्दन पर बहुत दबाव पड़ता है. इससे गर्दन झुक जाती है. डॉक्टर्स के अनुसार, इस बीमारी को टेक्स्ट नेक सिंड्रोम के नाम से जाना जाता है. इसमें गर्दन में अकड़न और हाथ सुन्न हो जाते हैं. इसके साथ ही सिर दर्द, कंधे व गर्दन में दर्द, सर्वाइकल जैसी स्थिति भी बन जाती है. पहले इस तरह के ज्यादातर मामले 40 से 50 साल की उम्र के बाद होते थे, लेकिन अब 18 से 25 साल की उम्र में ही इसका असर देखने को मिलने लगता है.
कितना किलो पड़ता है असर?
अगर आप सीधा बैठते हैं, तो गर्दन पर 4 से 5 किलो का वजन रहता है. Sit Strong बुक में हैरियट ग्रिफे के अनुसार, एक एडल्ट के सिर का वजन 4.5 से 5 किलो तक होता है. अगर आप सीधा बैठने की जगह गलत पोस्चर में बैठते हैं, तो आपका सिर, गर्दन से 15 डिग्री बाहर निकलता है और आपके सिर का वजन बढ़कर 12 किलो हो जाता है. अगर आपका सिर 30 डिग्री निकलता है, तो वजन बढ़कर 18 किलो हो जाता है और 45 डिग्री है तो 22 किलो, वहीं अगर यह 60 डिग्री है तो नेक पर भार 27 किलो पड़ता है. यानी कि अगर आप घंटों बैठकर फोन पर काम करते हैं, तो आपकी गर्दन में अकड़न आ जाती है और मांसपेशियों पर काफी दबाव पड़ता है. इससे आपके नेक में मौजूद लिगामेंट्स में लचीलापन खत्म हो जाता है.
हो सकती हैं तमाम तरह की दिक्कतें
ऑर्थोपेडिशियन एक्सपर्ट इसको लेकर बताते हैं कि अगर आपको लगातार सिर दर्द रहता है, तो बाद में यह स्थिति माइग्रेन में बदल जाती है, जिसे ‘टेंस नर्वस हेडेक’ के नाम से जाना जाता है. अगर यह स्थिति लंबी चली, तो जान जाने की संभावना भी होती है. इसलिए आपको बैठते समय इस बात का ध्यान रखना जरूरी होता है कि पोस्चर सही तरीके से हो, ताकि गर्दन पर ज्यादा असर न पड़े.
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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