PoK में जैश-ए-मोहम्मद के ध्वस्त मरकज को दोबारा खड़ा करने की तैयारी, पाकिस्तानी मंत्री ने किया दौरा
7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना की स्ट्राइक में ध्वस्त हुए आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद में स्थित कैम्प मरकज बिलाल को फिर से बनाने का काम इस महीने पाकिस्तान शुरू करने जा रही है.
एबीपी न्यूज के हाथ लगी एक्सक्लूसिव तस्वीरों के मुताबिक, पिछले हफ्ते पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार में पीओके मामलों के केंद्रीय मंत्री राणा मोहम्मद कासिम नून ने मुजफ़्फराबाद की शवली रोड स्थित जैश ए मोहम्मद के मरकज सैयदना बिलाल का अधिकारियों और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के अन्य नेताओं के साथ दौरा किया और ध्वस्त ट्रेनिंग कैम्प की हालत देखी.
जैश ए मोहम्मद के ध्वस्त मरकज को बनवाएगी पाकिस्तानी सरकार
इसके बाद जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान की सरकार के केंद्रीय मंत्री ने मौके पर मौजूद अधिकारियों से जैश ए मोहम्मद के इस कैम्प के फिर से पुनर्निर्माण कार्यक्रम की जानकारी ली और खर्च के बारे में जाना, जिसके बाद शहबाज शरीफ के केंद्रीय मंत्री राणा मोहम्मद कासिम नून ने ऐलान किया कि जल्द ही पाकिस्तान की सरकार भारत की स्ट्राइक में ध्वस्त हुए जैश ए मोहम्मद के इस मरकज को फिर से बनवाएगी.
सूत्रों के मुताबिक राणा मोहम्मद कासिम नून के ऐलान के बाद उम्मीद है कि पाकिस्तान की सरकार मुजफ़्फराबाद में ध्वस्त हुए जैश ए मोहम्मद के कैम्प को फिर से बनवाने का काम इसी महीने शुरू कर देगी.

भारत की स्ट्राइक में 9 आतंकी कैम्प ध्वस्त
7 मई को भारत की स्ट्राइक में पाकिस्तान और पीओके में स्थित जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन केआर कुल मिलाकर 9 कैम्प ध्वस्त हुए थे और 100 से अधिक आतंकी मारे गए थे, जिसके बाद पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने ऐलान किया था कि मारे गए हर आतंकी के परिजनों को शहबाज शरीफ सरकार 1 करोड़ पाकिस्तानी रुपये का मुआवजा देगी और सभी ध्वस्त आतंक की इमारतों को फिर से बनवाएगी.
इसके बाद आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा को 14 अगस्त को पाकिस्तानी सरकार ने मुरीदके स्थित हेडक्वार्टर फिर से बनाने के लिये 4 करोड़ पाकिस्तानी रुपये दिए थे, जिसके बाद मुरीदके में लश्कर ए तैयबा के हेडकार्टर के पुनर्निर्माण का काम फिर से शुरू हो गया है.
शहबाज शरीफ सरकार के मंत्री का ऐलान
हालांकि जानकारी के मुताबिक, जैश ए मोहम्मद को अब तक पाकिस्तान की सरकार ने बहावलपुर स्थित उसके हेडक्वार्टर मरकज सुभानल्लाह, मुजफ्फराबाद में स्थित मरकज सैयदना बिलाल, कोटली स्थित मरकज अब्बास और सरजल स्थित जैश के ध्वस्त कैम्प को फिर से बनाने के लिए पैसा नहीं दिया था.
मगर पिछले हफ़्ते खुद शहबाज शरीफ सरकार के मंत्री राणा मोहम्मद कासिम नून के जैश ए मोहम्मद के ध्वस्त आतंक के कैम्प के दौरे और ऐलान के बाद साफ हो गया है कि जैश ए मोहम्मद को भी जल्द उसके ध्वस्त ट्रेनिंग कैम्प के निर्माण के लिए पाकिस्तानी सरकार पैसा देने जा रही है.

FATF की ग्रे लिस्ट से पाकिस्तान अब भी बाहर
हालांकि ऑपरेशन सिंदूर के बाद ये पहला मौका है जब पाकिस्तान की सरकार का कोई मंत्री ध्वस्त आतंक के अड्डे का दौरा करने खुद गया हो. खुफिया विभाग के सूत्र इसकी सबसे बड़ी वजह पिछले महीने अक्टूबर में हुए FATF की प्लेनरी को मानते हैं, जहां पाकिस्तान में आतंकी संगठनों की ओर से अंधाधुंध पैसा इकट्ठा करने के सबूतों के बावजूद, पाकिस्तान को FATF ने ग्रे लिस्ट में नहीं शामिल किया था, जिसकी वजह से पाकिस्तानी सरकार अब खुलेआम आतंकियों के साथ अपना नाम जुड़ने से नहीं डर रही है.
7 मई को भारत के ऑपरेशन सिंदूर में मरकज बिलाल में मौजूद जैश ए मोहम्मद के दो टॉप आतंकी हसन खान और वकास खान मारे गए थे, जिसके बाद खुद पीओके की सरकार के मंत्री इन दोनों के घरों में 1 करोड़ का चेक देने पहुंचे थे. इसके अलावा, इसी साल 5 फरवरी को पहलगाम हमले से ठीक ढाई महीने पहले पीओके में शहबाज शरीफ के कठपुतली प्रधानमंत्री चौधरी अनवर उल हक ने पीओके में ‘जिहाद का कल्चर’ फिर से लागू करने का ऐलान किया था.
ध्वस्त कैंप को लेकर पाकिस्तानी सरकार का दावा
हालांकि इसके बाद भी कभी पाकिस्तानी सरकार का कोई नुमाइंदा आतंकियों के अड्डों पर खुलेआम नहीं गया, लेकिन पिछले हफ्ते एक प्लांटेड इवेंट के तहत पाकिस्तान का केंद्रीय मंत्री राणा मोहम्मद कासिम नून ना सिर्फ जैश ए मोहम्मद के ध्वस्त अड्डे में गया, बल्कि ऐसा दिखाने की कोशिश कि भारत की स्ट्राइक में ध्वस्त इस कैम्प का आतंकवाद से कोई लेना देना नहीं था और छोटे बच्चे यहां कुरान पढ़ रहे हैं. इस प्लांटेड इवेंट के लिए पास में ही स्थित अल हादी पब्लिक स्कूल के बच्चो को बुलाया गया था.
आतंकी तैयार करने में मरकज का इस्तेमाल
पाकिस्तानी सरकार के प्रोपोगैंडा से इतर, इस मरकज का असल किस तरह से आतंकी तैयार करने में होता था, इसका बड़ा सबूत भारत की स्ट्राइक में मारे गए इस मरकज में मौजूद आतंकी हसन खान और वकास की ट्रेनिंग के दौरान की तस्वीरों से भी साबित होता है, जो अपने हाथ में एके-47 और हैवी स्नाइपर जैसी बंदूके लिए हुए हैं.
साथ ही जैश का आतंकी रिहान हैदर जो पिछले साल सेना के साथ मुठभेड़ में मारा गया था, उसके भी भारत में घुसपैठ से पहले इसी मरकज में ट्रेन होने के सबूत उनकी तस्वीरें दे रही हैं. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि पाकिस्तान हर दिन खुद के आतंक को पालने पोसने की नीति में खुद को ही बेनकाब कर रहा है.
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