‘RJD को भुगतना पड़ेगा खामियाजा, फिर हराएंगे’, तेजस्वी ने AIMIM को नहीं दिया भाव तो भड़के असदुद्दीन ओवैसी
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीति गरमाई हुई है. कांग्रेस बिहार में सीडब्ल्यूसी की बैठक की तो वहीं आईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने तीन दिवसीय ‘सीमांचल न्याय यात्रा’ की शुरुआत की. ओवैसी ने बताया कि उन्होंने इंडिया गठबंधन में शामिल होने के लिए आजरेडी के अध्यक्ष लालू यादव और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को कई बार चिट्ठी लिखी थी.
इंडिया गठबंधन में शामिल होने की रखी शर्त
बिहार में बीजेपी को मदद करने के आरोपों पर नाराजगी जताते हुए ओवैसी ने बुधवार को कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में अगर उनकी पार्टी को छह सीट दी जाती हैं तो वह विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन में शामिल हो जाएंगे. किशनगंज उत्तर बिहार का एक ऐसा जिला है जहां की लगभग दो-तिहाई आबादी मुस्लिम है. यहीं से उन्होंने तीन दिवसीय ‘सीमांचल न्याय यात्रा’ की शुरुआत की.
तेजस्वी यादव को कई बार लिखा पत्र: ओवैसी
ओवैसी ने कहा, “मेरी पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को कई पत्र लिखे हैं. आखिरी पत्र में अनुरोध किया गया है कि विधानसभा की 243 सीटों में से एआईएमआईएम को छह सीटें दी जाएं.” उन्होंने कहा, “अब गेंद इंडिया गठबंधन के पाले में है. हमने यह पहल इसलिए की ताकि हम पर बीजेपी की मदद करने का आरोप न लगे. अगर गठबंधन की तरफ से उचित जवाब नहीं मिलता है तो यह साफ हो जाएगा कि वास्तव में बीजेपी की मदद कौन कर रहा है.”
RJD को भुगतना पड़ेगा खामियाजा: ओवैसी
आज तक से बात करते हुए ओवैसी ने कहा कि आरजेडी की ओर से उनके चार विधायक छीन लिए गए इसके बाद भी उन्होंने गठबंधन की पेशकश की है. उन्होंने कहा कि आरजेडी से गठबंधन की पेशकश करना मेरी कमजोरी नहीं थी. उन्होंने दावा किया कि आरजेडी को इसका खामियाजा चुनाव में भुगतना पड़ेगा और एआईएमआईएम सीमांचल में आरजेडी को फिर हराएगी.
आरजेडी में शामिल हो गए AIMIM के विधायक
पिछले विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम ने 20 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और उनमें से पांच पर जीत दर्ज की थी. हालांकि, दो साल बाद प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान को छोड़कर पार्टी के सभी विधायक राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में शामिल हो गए. हालांकि आरोप लगा था कि एआईएमआईएम की ओर से मुस्लिम मतदाताओं, खासकर सीमांचल क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदाय में सेंधमारी की वजह से ही महागठबंधन पिछले विधानसभा चुनाव में बहुमत पाने से चूक गया था. (इनपुट एजेंसी के साथ)
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