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‘RSS पर बैन लगा देना चाहिए’, खरगे की मांग पर आया संघ का जवाब; दत्तात्रेय होसबोले बोले- कोई वजह तो…



जबलपुर में आयोजित अखिल भारतीय बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कई मुद्दों पर विस्तार से बात की और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के RSS पर प्रतिबंध लगाने वाले बयान को सिरे से खारिज किया.

खरगे के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए होसबोले ने कहा, “संघ पर प्रतिबंध लगाने की बातें पहले भी तीन बार की जा चुकी हैं, लेकिन प्रतिबंध लगाने के लिए कोई कारण होना चाहिए. समाज ने संघ को पूरी तरह स्वीकार किया है.” उन्होंने बताया कि वर्तमान में संघ की 8399 शाखाएं सक्रिय हैं और जनजातीय क्षेत्रों में शाखाओं के विस्तार पर विशेष कार्य चल रहा है.

खरगे ने क्या कहा था?

दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक एक्स पोस्ट में लिखा था कि हाल ही में NCERT की तीन पाठ्यपुस्तकों से गांधीजी, गोडसे, आरएसएस और 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े विषयों को हटा दिया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार लगातार झूठ को सच साबित करने की कोशिश में लगी रहती है, जिससे उसकी नीयत साफ दिखाई देती है.

उन्होंने आगे कहा, ” पहले के समय लोग Bureaucracy में रहते हुए RSS की विचारधारा फैलाते थे. ऐसे में राजनीतिक संगठनों जैसे RSS और जमाते इस्लामी के साथ सरकारी कर्मचारियों के साथ जुड़ाव पर रोक लगाई गई थी.  लेकिन, 9 जुलाई 2024 को मोदी सरकार ने इस बैन को हटा लिया, जिससे सरकारी कर्मचारियों को RSS और उसकी गतिविधियों से जुड़ने की अनुमति मिल गई है. गांधी जी की हत्या के पीछे जिस संस्था के लोगों का हाथ था, जिसे सरदार पटेल ने बैन किया था. BJP ने उसी संस्था के साथ सरकारी कर्मचारियों को जुड़ने की छूट दे दी है.”

 संघ की विचारधारा जन-जन तक पहुंचे- होसबोले

होसबोले ने कहा कि आने वाले समय में 86,000 हिंदू सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे, ताकि संघ के ‘पंच परिवर्तन’ और हिंदू एकता का संदेश समाज तक पहुंचे. उन्होंने बताया कि जल्द ही सरदार पटेल की जयंती, गुरु तेग बहादुर की 350वीं जयंती और भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिवस को विशेष रूप से मनाया जाएगा. उन्होंने कहा, “भगवान बिरसा मुंडा सिर्फ जनजातीय नेता नहीं, बल्कि पूरे समाज के नेता थे. उन्होंने धर्मांतरण रोकने के लिए संघर्ष किया.” होसबोले ने बताया कि ‘वंदे मातरम’ गीत के 150 वर्ष पूरे होने पर देशभर में कार्यक्रम होंगे और लोगों को इसके ऐतिहासिक महत्व की जानकारी दी जाएगी.

मणिपुर हिंसा पर क्या बोले?

मणिपुर हिंसा पर उन्होंने कहा कि राज्य में स्थिति में सुधार आया है और सरकार ने प्रभावी कदम उठाए हैं. मणिपुर एक सीमावर्ती राज्य है. एक ही राज्य के दो समुदायों को आपस में नहीं लड़ना चाहिए. धीरे-धीरे अच्छे दिन लौटेंगे.”

“नक्सलवाद घटा, सामाजिक एकता बढ़ी”

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ और झारखंड में नक्सली गतिविधियों में भारी कमी आई है और अब लोग मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं. अब इन इलाकों में विकास और सामाजिक समरसता बढ़ रही है. जातिगत भेदभाव कम हुआ है.” उन्होंने युवाओं की भूमिका पर बल देते हुए कहा कि राष्ट्र निर्माण में युवा पीढ़ी की अहम भूमिका है, लेकिन नशे की लत चिंता का विषय है.

RSS सरकार्यवाह ने कहा कि बैठक में धर्मांतरण और धर्म जागृति पर चर्चा की गई. उन्होंने कहा,  “धर्मांतरण एक साजिश के तहत हो रहा है. हमें इसे रोकने के लिए जागरूकता फैलानी होगी.”

उन्होंने बताया कि RSS की बैठक में स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत को मजबूत करने पर जोर दिया गया. जातिगत जनगणना को लेकर उन्होंने कहा कि इसे राजनीतिक दृष्टि से नहीं, बल्कि सामाजिक असमानता दूर करने के नजरिए से देखा जाना चाहिए.

“बंगाल की स्थिति विकट, ध्यान देने की जरूरत”

उन्होंने कहा कि बंगाल में राजनीतिक कारणों से विद्वेष बढ़ा है और राज्य की सीमा स्थिति को देखते हुए केंद्र को विशेष ध्यान देना चाहिए. होसबोले ने स्पष्ट किया कि RSS किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ा संगठन नहीं है, बल्कि समाज के सभी वर्गों और धर्मों से संवाद रखता है.

घुसपैठ और जनसंख्या असंतुलन पर जताई चिंता

उन्होंने कहा कि बीते 20 वर्षों से RSS घुसपैठ, धर्मांतरण और जनसंख्या असंतुलन जैसे मुद्दों पर चर्चा करता आ रहा है. उन्होंने इसे लेकर कहा, “जनसंख्या नियंत्रण लागू करना सरकार का दायित्व है.”

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