Supreme News24

SCO की ओर से पहलगाम आतंकी हमले का खास जिक्र, भारत ने दुनिया को दिखाई अपनी ‘हैसियत’


SCO Summit 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा ने भारत को एक बड़ी सफलता मिली है. 1 सितंबर को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की तियानजिन घोषणा में पहलगाम आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा शामिल की गई, जिससे यह संदेश गया कि आतंकवाद के खिलाफ भारत और SCO सदस्य देश एकजुट हैं. इस संगठन में पाकिस्तान भी पूर्ण सदस्य है.

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इससे पहले 26 जून को चीन के किंगदाओ में आयोजित SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक में  संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था. इसका कारण यह था कि इसमें 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले का उल्लेख नहीं था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जबकि पाकिस्तान के संदर्भ में घटनाओं का जिक्र किया गया था.

तियानजिन SCO घोषणा में पाकिस्तान का जिक्र नहीं

तियानजिन SCO घोषणा में पाकिस्तान का नाम पहलगाम हमले के संदर्भ में नहीं लिया गया. हालांकि, सभी सदस्य देशों ने आतंकवाद को एक सामान्य खतरा मानते हुए इसकी निंदा की. रूस, चीन और ईरान सहित 10 स्थायी सदस्य इस दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए.

‘आतंकवाद के प्रति दोहरे मानक अस्वीकार्य’

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, लेकिन कुछ राष्ट्रों द्वारा खुले समर्थन के मुद्दे को उजागर किया. उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद के खिलाफ भारत एकजुटता के साथ खड़ा है, और SCO इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. दोहरे मानक स्वीकार्य नहीं हैं.’

तियानजिन SCO घोषणा में भी यह स्पष्ट किया गया, ‘सदस्य राज्य सभी रूपों और प्रकटताओं में आतंकवाद की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं और आतंकवाद के खिलाफ दोहरे मानकों को अस्वीकार्य मानते हैं. अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद और आतंकवादियों के सीमा पार आंदोलन के खिलाफ कार्रवाई करने का आह्वान किया जाता है.” साथ ही दस्तावेज़ में कहा गया कि 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की गहरी निंदा की जाती है और मृतकों व घायलों के परिवारों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की गई हैं.

अमेरिका के दबाव के बीच भारत की कूटनीतिक जीत

इस कूटनीतिक जीत के अलावा पीएम मोदी की चीन के शी जिनपिंग और रूस के व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठकें अमेरिका के साथ भारत के बढ़ते व्यापारिक तनाव के समय अहम साबित हुईं. डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% भारी टैरिफ लगाने की धमकी दी थी, जो भारत के रूस से तेल खरीदने पर आधारित है. भारत ने इस दावे को चुनौती दी और स्पष्ट किया कि यह मुनाफाखोरी नहीं है. भारत के तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत के रूस से तेल खरीदने ने बाजारों को स्थिर रखा और कीमतों को बढ़ने से रोका.

रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप इस बात से नाराज हैं कि मोदी सरकार ने उनके दावे का समर्थन नहीं किया कि उन्होंने पहलागाम के बाद भारत-पाकिस्तान युद्ध रोका. भारत ने स्पष्ट किया कि द्विपक्षीय मामलों में वह किसी तृतीय पक्ष के दबाव में निर्णय नहीं लेता.



Source link

Thank you so much for supporting us.

Discover more from Taza News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading