SIR पर सियासी संग्राम! DMK पहुंची सुप्रीम कोर्ट, स्टालिन ने ECI पर लगाया षड्यंत्र रचने का आरोप
M.K. Stalin on SIR: तमिलनाडु की सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) ने सोमवार को विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) प्रक्रिया के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.
यह कदम उस समय उठाया गया है जब भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने पिछले सप्ताह 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची के अगले चरण के SIR का आदेश जारी किया था, जो कुल 51 करोड़ मतदाताओं को कवर करेगा.
4 नवंबर से शुरू होगा नामांकन कार्य
इस चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया 4 नवंबर से शुरू होगी और अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी, 2026 को प्रकाशित की जाएगी, जिसमें 1 जनवरी, 2026 को आधार तिथि माना जाएगा. अगले वर्ष अप्रैल-मई 2026 में जिन पांच राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभा चुनाव होने हैं. पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी उन 12 राज्यों की सूची में शामिल हैं, जहां अगले तीन महीनों में SIR प्रक्रिया चलेगी. हालांकि, असम, जो चुनावी राज्यों में से एक है, इस सूची में शामिल नहीं है.
सीएम एम.के. स्टालिन ने ECI पर साजिश का आरोप लगाया
सोमवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने निर्वाचन आयोग (ECI) पर षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया और कहा कि SIR एक दुर्भावनापूर्ण कोशिश है, जिसका उद्देश्य विपक्षी मतदाताओं को हटाना है.
स्टालिन ने कहा, “इस अलोकतांत्रिक कदम को रोकने के लिए हमने सर्वदलीय बैठक बुलाई और SIR की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया. निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव से कुछ महीने पहले मतदाता सूची का पूरा पुनरीक्षण करना, वैध मतदाताओं को हटाने की एक सोची-समझी रणनीति है.”
बिहार का उदाहरण देते हुए लगाया बड़ा आरोप
सीएम स्टालिन ने आरोप लगाया कि इसी तरह की प्रक्रिया बिहार में भी अपनाई गई थी, जहां लाखों असली मतदाताओं को सूची से हटा दिया गया था. उन्होंने कहा कि इस विवादित प्रक्रिया का सबसे पहले विरोध तमिलनाडु से शुरू हुआ, जिसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी और बिहार के विपक्षी नेताओं ने भी इसका विरोध किया. स्टालिन ने कहा, “कानूनी मामला दर्ज होने के बाद भी निर्वाचन आयोग ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया”.
AIADMK और बीजेपी पर भी साधा निशाना
स्टालिन ने AIADMK महासचिव एडप्पाडी के. पलानीस्वामी पर भी तीखा हमला बोला और कहा कि वह दोहरा खेल खेल रहे हैं और बीजेपी से संबंधों के कारण निर्वाचन आयोग से डरते हैं. उन्होंने आगे कहा कि बिहार के प्रवासी मजदूरों को तमिलनाडु में सम्मान और रोजगार मिला है, लेकिन प्रधानमंत्री “बिहार में चुनावी लाभ के लिए राजनीतिक ड्रामा कर रहे हैं.”

