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Ladakh News: लद्दाख के द्रास क्षेत्र में भारतीय सेना की 56 गोरखा राइफल्स ने मानवता और साहस की मिसाल पेश की. यह घटना मुश्कोह घाटी की है, जहां एक गर्भवती महिला अचानक गंभीर स्थिति में फंस गई. महिला का घर एक दूरस्थ इलाके में था और वह नदी व घाटी के बीच फंस गई थी, जिससे वहां तक पहुंचना बेहद मुश्किल था. इस परिस्थिति में 56 गोरखा राइफल्स ने तुरंत मदद का हाथ बढ़ाया.

स्ट्रेचर पर लिटाकर गर्भवती महिला को कठिन रास्ते से निकाला

सेना के जवानों को जैसे ही जानकारी मिली, उन्होंने खारबू द्रास की 108 एंबुलेंस सेवा से संपर्क किया. दोनों टीमों ने मिलकर एक बचाव योजना बनाई. इलाके में सड़क न होने और खराब मौसम के बावजूद, जवान जोखिम उठाकर वहां पहुंचे. उन्होंने नदी पार की और खड़ी घाटियों से गुजरते हुए गर्भवती महिला तक पहुंचे. महिला की हालत गंभीर होती जा रही थी, इसलिए समय बर्बाद किए बिना उसे सुरक्षित तरीके से स्ट्रेचर पर लिटाया गया और पैदल ही कठिन रास्ते से निकाला गया.


इस दौरान जवानों और मेडिकल टीम ने पूरी सावधानी बरती, ताकि महिला को किसी तरह की चोट न लगे. कई किलोमीटर पैदल चलने के बाद महिला को सड़क तक लाया गया, जहां 108 एंबुलेंस पहले से मौजूद थी. एंबुलेंस ने तुरंत उसे उप-जिला अस्पताल, द्रास पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने समय रहते उसका इलाज शुरू किया.

56 गोरखा राइफल्स और 108 एंबुलेंस सेवा की हुई तरीफें

स्थानीय लोगों ने सेना और एंबुलेंस टीम की इस संयुक्त कोशिश की जमकर सराहना की. उन्होंने कहा कि अगर समय पर यह मदद न मिलती, तो महिला और उसके बच्चे की जान खतरे में पड़ सकती थी.

यह घटना दिखाती है कि भारतीय सेना न केवल देश की सीमाओं की रक्षा करती है, बल्कि जरूरत पड़ने पर हर परिस्थिति में नागरिकों की मदद के लिए भी हमेशा तैयार रहती है. 56 गोरखा राइफल्स और 108 एंबुलेंस सेवा के इस संयुक्त प्रयास ने फिर से साबित कर दिया कि इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है.

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